दोस्तों दुनिया की सबसे बड़ी इकोनॉमी में इंडिया का नाम सबसे फास्टेस्ट ग्रोइंग देश में आता है। जहा 140 करोड़ की आबादी और रैपिड इकोनॉमिक ग्रोथ के साथ इंडिया दुनिया भर की कंपनीज के लिए एक इम्पोर्टेन्ट मार्केटप्लेस बन गया है। इंडिया के मार्केट में हर रोज़ नयी-नयी ऑपर्च्युनिटीज आती रहती हैं और बड़ी से बड़ी कंपनी का गोल होता है। इंडियन मार्केट में अपनी पोजिशन बना लें, लेकिन जितनी बड़ी ये मार्केट है उससे कई गुना मुश्किल है। इसमें सर्वाइव करना, लाखों ब्रांड में से कुछ ऐसे ब्रैन्डस है जो कि इंडियन कॉस्ट्यूमर को पसंद और मार्केट में सर्वाइव कर पाये
तो आज की डेट में हम लोग एक ऐसे ब्रैंड के बारे में बात करने वाले हैं जिसने इंडिया के एनर्जी ड्रिंक मार्केट में बड़े से बड़े प्लेयर को टक्कर देते हुए अपनी खास जगह बना ली। तो बात है सन 2011 की। इंडिया की energy drink इंडस्ट्री अपने ग्रोथ स्टेज पे थी और काफी बड़ी-बड़ी कम्पनीज़ इंडिया में अपने एनर्जी ड्रिंक लॉन्च करना चाहती थी, लेकिन यहाँ पर एक बहुत बड़ी मुसीबत थी।
रेड बुल 2009 में रेड बुल के अपने Energy Drink इंडिया में लॉन्च किया था और Red bull की स्ट्रॉन्ग रेपुटेशन प्रीमियम क्वालिटी और हाई ऐंड मार्केटिंग की वजह से रेड बुल के पास इंडिया का 80% से भी ज्यादा एनर्जी ड्रिंक मार्केट शेयर था और रेड बुल की पोज़ीशन इतनी स्ट्रॉन्ग हो गयी थी की बड़े से बड़ा ब्रैंड रेड बुल से कंप्लीट नहीं कर पा रहे थे। लेकिन 2011 में Red bull की मोनोपोली तोड़ने के लिए काफी बड़ी बड़ी कंपनीज ने एक साथ इंडिया के मार्केट में एंट्री ली। जैसे की
कोका कोला ने Monster नाम की कंपनी के साथ पार्टनरशिप करके Monster Energy drink इंडिया में लॉन्च की और इसी के साथ इंडीविजुअल प्लेयर्स जैसे की Cloud 9 energy drink और Power Horse energy drink ने इंडिया में एंट्री ली। ये ब्रैन्डस लोगों को प्रीमियम क्वालिटी के साथ-साथ हाई डिस्काउंट भी देने लगे। काफी सारी स्ट्रैटिजी लगाने के बाद ये सारे ब्रैन्डस मिलकर रेड बुल से सिर्फ 10% मार्केट शेयर ही ले पाए।
Red Bull का मार्केट शेयर कम होने के बावजूद भी रेड बुल के प्रॉफिट्स पर कुछ फरक नहीं पड़ा और वहाँ दूसरी तरफ दूसरी एनर्जेटिंग कम्पनीज़ लॉस में अपना बिज़नेस कर रही थी।
2017 तक Red Bull का मार्केट शेयर कम होते होते 64% तक आ गया, लेकिन इससे रेड बुल की सेल्स कम होने की जगह उल्टा और बढ़ गई और सारे ब्रैन्डस मिलकर रेड बुल का कुछ भी उखाड़ नहीं पाए|
लेकिंग 2017 के अंतिम समय par पर Pepsi ने इंडिया में एक ऐसे एनर्जी ड्रिंक लॉन्च की, जिसकी वजह से रेड बुल के सेल्स 21% तक गिर गई। मामला यहाँ तक पहुँच गया की Red Bull ने Pepsi पर केस भी कर दिया। फिर भी पेप्सी ये केस जीत गई और पेप्सी का ये प्रॉडक्ट इतना सक्सेसफुल निकला की दुनिया की सबसे बड़ी बेवरेज कंपनी कोका कोला ने भी इसे कॉपी कर लिया। ये हम बात कर रहे हैं Sting Energy Drink के बारे में। 2017 में Sting को इंडिया में लॉन्च किया और लॉन्च होने के 1 साल के अंदर अंदर ही स्टिंग के सेल्स चार गुना हो गयी
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तो आज हम जानेगे की सिर्फ 3 साल के अंदर ही Sting इतना सक्सेसफुल कैसे बन गया?और पेप्सी कैसे कौनसी बिज़नेस स्टडीज़ की थी, जिसकी वजह से वो रेड बुल जैसी बड़ी कंपनी के साथ कंप्लीट कर पाए और कोक जैसे बड़ी कंपनी उनका प्रॉडक्ट कॉपी करने के लिए मजबूर हो गई तो बिना आपका और मेरा समय वेस्ट किये हुए चलिए शुरू करते हैं।
तो आइये जानते है वो स्ट्रैटिजी जिसकी वजह से Sting इतना सक्सेसफुल हो गया
स्ट्रैटिजी नंबर 1-
Safe Entry जहाँ एक तरफ पेप्सी के डायरेक्ट कॉम्पटीटर कोका कोला ने 2011 में अपने एनर्जेटिक लॉन्च कर दी थी, वहीं दूसरी तरफ पेप्सी ने अपनी एनर्जी ड्रिंक 6 साल बाद लॉन्च की। लेकिन क्यों? ऐक्चुअली Sting को लेट लॉन्च करने से पेप्सी को तीन फायदे मिले। पहला लेट एंट्री की वजह से कस्टमर को ऑलरेडी पता था।
ये Energy Drink क्या होता है, जिसकी वजह से स्ट्रिंग को एक्स्ट्रा पैसा नहीं खर्च करना पड़ा? लोगों को यह बताने के लिए है कि एनर्जी ड्रिंक क्या होता है? दूसरा, क्योंकि मार्केट में ऑलरेडी बहुत सारे ब्रांड आ चूके थे तो पेप्सी को रिसर्च करने में काफी आसानी हुई की मार्केट की कितनी बड़ी है। लोगों को क्या पसंद आ रहा है और टोटल सेल्स कितनी है?
जो कंपनी Red Bull से कंप्लीट कर के अब तक मार्केट में सर्वाइव कर रहे थे, पेप्सी को उनकी स्ट्रैटिजी का ऐक्सेस मिल गया की ऐसी कौन सी स्ट्रैटिजी जिसकी वजह से लोग सर्वाइव कर पाए? फॉर एग्जाम्पल जैसे कोक ने खुद की एनर्जी ड्रिंक ना लॉन्च करते हुए मॉन्स्टर के साथ पार्टनरशिप करके एक एफिलिएट की तरह काम किया, उसी तरह पेप्सी ने भी स्टिंग की पैरेंट कंपनी के साथ पार्टनरशिप करके इंडिया में sting को लॉन्च किया, जिसकी वजह से पेप्सी के रिस्क बहुत कम हो गई और स्ट्रिंग की मार्केट में सेफ एंट्री हो गई
स्ट्रैटिजी नंबर 2-
Price Segment Change नोटिस किया कि सारे Energy ब्रैन्डस प्रीमियम सेगमेंट को टारगेट कर रहे है और प्रीमियम सेगमेंट में रेड बुल का मार्केट होल्ड काफी स्ट्रॉन्ग है। कोई भी रेडबुल पीने वाला इंसान 10 – 20 रूपये के लिए टेस्ट से कॉंप्रमाइज़ नहीं करेगा तो पेप्सी काफी स्मार्टली उसे अफोर्डेबल कैटेगरी में Sting को लॉन्च किया। जहाँ एक तरफ दूसरे ब्रैंड्स की एनर्जी ड्रिंक 80, 90 या 100 रूपए में मिलती थी, जो कि एक इंडियन कॉस्ट्यूमर के लिए काफी हाई था।
सबसे पहलेSting ने टेस्ट और पैकिंग चेंज करके एक ऐसा प्रॉडक्ट बनाया जो हर कोई अफोर्ड कर सके जहाँ पर Sting के कैन की प्राइस ₹50 और प्लास्टिक बॉटल की प्राइस ₹20 रख के अपने कॉम्पिटिशन को ही ख़त्म कर दिया और ऐसे मार्केट में एंट्री ले ली, जहा पर अब तक कोई भी बड़ा प्लेयर नहीं था।
स्ट्रैटिजी नंबर 3-
टारगेट कस्टमर शिफ्ट प्राइस चेंज करने के साथ साथ ही स्टिंग ने अपने टारगेट ऑडियंस भी चेंज की, जहाँ रेड बुल और Monster जैसे ब्रैन्डस एक मच्योर ऐडल्ट को टारगेट करते थे। Sting ने यंगस्टर और टी-नेजर्स को अपना टारगेट ऑडियंस बनाया
स्ट्रैटिजी नंबर 4-
क्रिएटिव मार्केटिंग आप में से बहुत सारे लोगों को स्टिंग की ये वाले ऐड जरूर याद होगी।8401900900?कॉल मी? आप मेरे से काफी कम लोगों को पता होगा की इस साइड में जो लड़की नंबर देती हैं, वो एक्चुअल में एक रीयल नंबर है। इस ऐड के बाद स्ट्रिंग के पास 40,000 कॉल्स आये। लोगों ने ऐड देखकर नंबर डायल किया और कॉल कनेक्ट होने के बाद उसपे एक मैसेज चलने लगा जिसमें नेचर को कैसे प्रोटेक्ट करते हैं उसकी गाइडलाइन्स दी थी। स्ट्रिंग की। ऐसी क्रिएटिव मार्केटिंग की वजह से स्ट्रिंग यंगस्टर के बीच में काफी जल्दी पॉपुलर हो गया।
अगर इससे आपको कुछ भी सीखने मिला हो फॉलो करिये और आपकी फेवरेट एनर्जेटिंग कौन सी है? नीचे कॉमेन्ट करके जरूर बताना।