Noise की पूरी कहानी –
वायरलेस ऑडियो मार्केट का बादशाह अगर Boat है तो स्मार्ट वॉच कैटेगरी में Noise ने उसको धूल चटाई है ,Noise सिर्फ 7 सालो में। पूरे वर्ड की तीसरी बड़ी स्मार्ट वॉच बनाने वाली कंपनी बन गयी है। एप्पल और सैमसंग के बाद इसी का नंबर आता है।
आपको पता है इसको शुरू तो दो भाइयों ने अपना अपना पैशन (एक ने डिजैनिंग और दूसरे ने पायलट) छोड़कर किया था। और आज 4000 करोड़ की कंपनी बना दी है जो की सिक्सर पे सिक्सर लगा रही है। साल दर साल 278% की ग्रोथ है। साथ ही 8000 से ज्याद ऑफलाइन स्टोर है
लेकिन आपको पता है Noise की शुरूआत छोटे से मोबाइल कवर बनाने से किया गया था तो Noise कंपनी के फाउंडर्स को स्मार्ट वॉच बनाने का आइडिआ कैसे आया? कैसे वो अपने आपको Boat से अलग करें? चलो समझते हैं
राजस्थान के बीकानेर जहाँ पर दो भाई गौरव खत्री और अमित खत्री का जन्म हुआ जिन्होंने आगे चलकर Noise जैसे बड़े ब्रांड को खड़ा किया लेकिन शुरुआत की कहानी ना असफलता से भरी पड़ी बचपन की बात ले लो अमित खत्री परिवार के बड़े बेटे पिता जी डॉक्टर थे तो ऑब्वियस्ली उन्होंने प्रेशराइज किया कि मेडिकल की तैयारी कर नीट का एग्ज़ैम दो डॉक्टर बन जा इसकी तैयारी करने के लिए वो कोटा में गए, दो बार एग्ज़ैम भी दिया फिर भी पास ना हुए।
उन्होंने सोचा कि जरूरी थोड़ी ज़िन्दगी में डॉक्टर बनना और भी बहुत सारे करियर ऑप्शन हैं। बस फिर क्या बैग पैक किया और कानपुर आके वहाँ पर MBA के एड्मिशन के लिए जो एग्जाम होते थे, उसकी तैयारी करनी चालू कर दी। साथ ही साथ दोस्तों के कहने पर NIFT( नेशनल इन्स्टिट्यूट ऑफ़ फॅशन टेक्नोलॉजी) का ऐप्लिकेशॅन फॉर्म भी भर दिया,और उनको बी स्कूल में एडमीशन भी मिल गई।
तभी वहाँ पर उन्होंने अपना पहला पैशन और पहला बिज़नेस डाला है हुआ ऐसे कि कॉलेज में पढ़ते-पढ़ते वो साइट प्रोजेक्ट करते थे जैसे की डिजैनिंग करना,मर्च बनाना।
सत्यम और माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनीस के लिए एक समय तो ऐसा आया की वो Zara और H&M के कपड़ों के डिजैनिंग और स्केचेस बनाते थे जिसके लिए उनको होंग कॉन्ग भी बुलाया गया लेकिन वहाँ पर भी वो एक सोच के साथ गए थे। हुआ ऐसे कि जब वो होंग कॉन्ग से वापस आए। अपने साथ आप ब्लैकबेरी का फ़ोन लेकर आए थे जो की उस समय भारत में एक रुतबा की तरह देखा जाता था।
उन्होंने नोटिस किया कि वही ब्लैकबेरी के मोबाइल की कीमत होंग कॉन्ग में भारत से बहुत काम है उन्होंने किया कि बहुत सारे मोबाइल खरीदे, भारत आए और अच्छे मार्जिन के साथ बेचना चालू किया, ऐसा करते करते और अपनी पहली कंपनी खोली Transcend, जिसमे नॉर्मल गारमेंट अक्सेसरीज, मल्टी नेशनल कंपनी Zara को बेचते थे।
Noise कंपनी की शुरआत-
सब कुछ अच्छा चल रहा था। इसके बावजूद उनका छोटा भाई गौरव खत्री कहानी में बहुत बड़ा टर्निंग पॉइंट लेकर आता है। गौरव खत्री पेशे से तो पायलट है लेकिन भाई साहब जिस एयरलाइन कंपनी में वो थे। वो कुछ ही समय के बाद बंद हो जाती है। तभी दोनों भाई मिलकर मार्केट में बहुत बड़ा गैप नोटिस करते है। स्मार्ट फ़ोन कवर का
क्योंकि उस समय नए नए मोबाइल फ़ोन का क्रेज़ शुरू हुआ था। फिर उन्होंने मोबाइल फ़ोन कवर बनाए और यहीं से नॉइज़(Noise) कंपनी की शुरुआत होती है। आपको पता है ये मोबाइल फ़ोन कवर उन्होंने इ कॉमर्स प्लेटफार्म पर लिस्ट की जो कि सिर्फ 2 मिनट के अंदर सोल्ड आउट हो जाते हैं। पहले साल ही इन्होने 7 -8 करोड़ कमा लिए थे लेकिन उसके बाद फिर बिज़नेस में कमजोर होना शुरू हो गया क्योंकि बहुत सारी कंपनीस अपने कवर बनाकर फ्लिपकार्ट और अमेज़न पर बेच रही थी।थोड़े दिन ऐसे ही चला तभी 2017 में दोनों भाई ऐसे मार्केट में घुसे जिसमे उनको कुछ नॉलेज भी नहीं थी
TWS (True Wireless Stereo) उस समय ना वायरलेस ऑडियो प्रॉडक्ट की डिमांड एकदम से बढ़ रही थी तो उन्होंने क्या किया? UI and UX डिजाइनर हैयर किया टेक्नोलॉजी पार्टनर बनाये चीन, ताइवान के और वायरलेस ऑडियो प्रॉडक्ट बनाए पर मार्किट के कॉम्पिटिटर्स की प्राइसिंग से बहुत बड़ा लेसन् सीखा
की चाहे तुम अफोर्डेबल कैटेगरी हो, चाहे तुम प्रीमियम सेगमेंट में हो, लोग इतनी जल्दी अपनी जेब से पैसा नहीं निकालेंगे जब तक तुम कुछ अलग नहीं करें। इन्हे लर्निंग के साथ वो प्रॉडक्ट में डीप डाउन गए और एक अफोर्डेबल प्राइस में ज्यादा फीचर को टारगेट किया
नॉइज़ अगर 2023 में भारत में 25% का मार्केट शेयर लेकर बैठे तो ग्लोबली पता है। स्मार्ट वॉच ब्रांड कैटेगरी में सिर्फ 1 साल में नंबर पांच से नंबर तीन तक पहुंचे। वहीं पर Boat का मार्केट शेयर सिर्फ 17% का है और एप्पल के स्मार्ट वॉचेस का मार्किट शेयर सबसे ज्यादा है अब वो सोचोगे की कैसे Noise ने Boat को कैसे पिछाड़ दिया।
Noise ने Boat को कैसे पिछाड़ दिया- मुख्यता इसके दो कारण है।
1.पहला कॅस्यूमर सर्विस साथ ही अफोर्डेबल प्राइसिंग
2.दूसरा कलर साइकोलॉजी सुनने में काफी छोटी बात लगती है लेकिन हर एक कलर का ना कॅस्यूमर के मैएंड पे अलग अलग प्रभाव पड़ता है।