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Marvel Studio ने कैसे कंगाली से 29$ 5बिलियन का सफर तय किया 

मार्वल कंगाल होने के बावजूद 29 बिलियन डॉलर तक कैसे पंहुचा?

 Marvel Studio की पूरी कहानी-

बॉलीवुड जहाँ 200-300 करोड़ कमा लेने पर हल्ला मचाने लग जाता है।वहाँ  मार्वल स्टूडियो की एक ऐवरेज मूवी 7500 करोड़ का कलेक्शन करती है Marvel Studio ने 2008 से लेकर अभी तक 32 फिल्मे बनाई है, जिसका टोटल कलेक्शन 29.5 बिलियन यानी 2,40,000 करोड़ है तो एक मूवी का ऐवरेज आता है 7500 करोड़। उनमें से 10 मूवी ऐसी हैं जिन्होंने 10,000 करोड़ से ज्यादा का कलेक्शन किया है। इनकी एवेंजर एन्ड गेम की सेल थी 22,000 करोड़। और हाँ भाई साहब ये बात सिर्फ मूवीज़ की हो रही है। इसके अलावा इनकी टेलीविजन सिरीज़ भी है। इसके अलावा अन्य खिलौने भी है। इसके अलावा और बहुत सारी चीजे है जिससे ये पैसा कमाते है ?  Marvel एक ऐसा लीजेंडरी मूवी स्टुडिओ जिन्होंने इतिहास रच दिया है। एक समय पर यह बैंक करप्ट हो गया था,अपनी कंपनी की दोबारा शुरूआत करने के लिए लोन लेना पड़ा था और लोन लेने के लिए गिरवी रखा था। Captain America और Thor को तब जा के लोन मिला था और जैसे आयरन मैन ने थायनोस को मार कर दुनिया को बचाया था और इस मार्वल स्टूडियो को बचाने वाला और दोबारा जीवनदान देने वाला भी Iron Man ही है तो Marvel studio आपको आयरन मैन, थॉर कैप्टन अमेरिका की कहानी सुनाता है आज मैं आपको मार्वल की कहानी सुनाता हु|

यूँ तो Marvel का इतिहास 83 साल पुराना है।  1939 में Marvel Comics स्टार्ट हुई थी। मार्वल कॉमिक्स नंबर वन और उस समय इस कंपनी का नाम था टाइमली प्रोडक्शन। फिर संन 1991 में पहली बार मार्वल कॉमिक्स ने अपना हीरो इंट्रोड्यूस किया। कैप्टन अमेरिका और वो जो कॉमिक्स बनाई थी उस कॉमिक्स के कवर पे कैप्टन अमेरिका हिटलर को मुक्का मारते हुए था। तो उस समय वो कॉमिक्स बहुत ज्यादा रॉकेट बन गई क्योंकि युद्ध का माहौल चल रहा था आप नोटिस करो। जीतने भी शुरुआती हीरो बने। वो युद्ध से रिलेटेड थे और वर्ल्ड वॉर में मौका चल रहा था तो कॉमिक्स जमके बिकी लेकिन 1945 में  युद्ध खत्म हो गया।और 1950 आते आते ये मार्केट फिर बैठ गया इससे आप को कुछ सीखना चाहिए  पहली ट्रेंड आया है तो ट्रेंड जायेग भी और अगर आप ट्रेंड में सवार होकर कुछ बने हो तो भईया ट्रेंड जायेगा, फिर कुछ नहीं रह जाओगे। इसलिए उस दौरान कुछ ऐसा कर लेना की ट्रेंड जाने के बाद भी आप बने रहो, एक बढ़िया उदाहरण देता हूँ Desney Hotstar आइपीएल आया वो रॉकेट बन गया। अब उसके हाथ से आईपीएल गया तो भइया फिर नीचे जा रहा है, पीछे व्यवस्था कर लेता तो कुछ हो जाता, अब Jio Cinema ने कर ली। आइपीएल आया तो लोग आये लेकिन आईपीएल गया तो भी लोग गए नहीं क्योंकि नयी -नयी चीज़े दिया जा रहा है।

अब बात करते हैं मार्वल की जिंदगी का अगला चरण क्या आया  भाई पहले युद्ध वाले ट्रेंड पे Comics बनाई हिट हो गयी। युद्ध खत्म हो गया, वो कॉमिक्स चल नहीं रही तो फिर उन्होंने अपने Comics में कुछ बदलाव किये  उन्होंने कुछ हॉरर कॉमिक्स बना दी, कुछ रोमैन्टिक कॉमिक्स बना दी। कुछ अलग ऐडवेंचर कॉमिक्स बना रहे हैं। सूपर हीरो गायब कर दी इन्होंने पहले कंपनी लॉन्च की थी जो टाइमली प्रोडक्शन के नाम से कॉमिक्स आ रही थी। फिर कुछ टाइम के बाद एटलस पब्लिशिंग के नाम से कॉमिक्स आने लग गयी। कुछ टाइम के बाद कॉमिक्स आ रही पर कॉमिक्स पे नाम नहीं दिख रहा है। बनाई किसने फिर 25 साल बाद इनको आयी आई की यार ऐसे में तो लोग हमें भूल जाएंगे तो फिर इन्होंने मार्वल कॉमिक्स का नाम मार्वल कॉमिक्स के नाम से देना चालू किया और अब ऐसा दौर चल रहा है की आज की डेट में पिक्चर चाहे कोई सी भी हो उसका जब भी ट्रेलर आएगा सबसे पहले मार्वल लिखा हुआ आएगा की भैया गलती से तुम भूल मत जाना मेरी मूवी। इन्होंने एक चीज़ कही की यार फ़िल्म को मार्केट करने की बजाय  स्टूडियो को ब्रैंड बनाओ। सो प्रॉडक्ट को ब्रैंड बनाने की बजाय कंपनी को ब्रैंड  बनाओ, प्रॉडक्ट को ब्रांड बनाओ, तो प्रॉडक्ट भी चलेगा। कंपनी को ब्रैंड बनाओगे तो उसके अलावा के जो प्रॉडक्ट निकलेंगे, वो भी चलेंगे।  चलिए अब बात करते है अगले चरण की यह मार्वल का सबसे इम्पोर्टेन्ट चरण है आज की डेट में मार्वल देख रहे हैं, इसके पीछे सिर्फ एक आदमी है, उस आदमी का नाम है स्टेनली यह बंदा हर मार्वल मूवी मैं अपनी स्पेशल अपीरियंस देता है, और इसी ने मोस्ट ऑफ द मार्वल केरेक्टर बनाये है । इन्होने शुरुआत की थी फैन्टास्टिक फ़ोर से फैनटैस्टिक फॉर इन्होने बनायीं  उसके बाद सब का फ़ेवरेट और मार्वल कॉमिक्स का अबतक का सबसे कमाई देने वाला सुपर हीरो Spiderman इन्होंने बनाया Hulk इन्होंने बनाया एक स्पेन की टीम उन्होंने बनाई तो ये चार पांच ऐसे बड़े बड़े कैरेक्टर जो आज मार्वल को करोड़ों रुपये बना के दे रहे हैं। इस एक आदमी ने बनाए थे तो यहाँ से हमें यह सीख मिलती है कि आपकी कंपनी की जरनी में कभी कोई एक व्यक्ति या एक आइडिया ऐसा आएगा जो पूरी कंपनी की दिशा बदल कर रख देगा। बस आप मार्केट में डटे रहो और नयी नयी चीजें ट्राई करते रहो।

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अब बात करते हैं उस दौर की जब Marvel Studio की सफलता की शुरुआत हुई और उसके बाद पूरा गेम बदल कर रह गया। अब आते हैं मार्वल की सबसे इंट्रेस्टिंग दौर पे जिसके पीछे आज मार्वल खड़ा है तो मार्वल कॉमिक्स के जो ओरिजिनल क्रिएटर थे इन्होंने 1989 में कहा भैया अब हमारे बस की ना रही ये बोझ कोई हमारे कंधे से लेले  पेरेलमैन करके एक  बिलिनियर थे जिनका काम था। बड़े ब्रैंड हैं जिनमें संभावना ज्यादा है पर कुछ कर नहीं पा रहे हैं। उनको खरीदते थे और सुपर प्रॉफिटेबल बना के कमाते थे। तो इन्होंने 1989 में 82.5 मिलियन यानी आज के लगभग 650 करोड़ में मार्बल स्टूडियो को खरीद लिया। अब इनके खरीदने के बाद से भाई साहब उसकी सेल में जबरदस्त बूम आया। क्युकी Marvel ने एक नयी चीज़ और चालू कर दी की भैया एक मैगज़ीन इश्यू करेंगे और उसके साथ एक कार्ड इश्यू करेंगे और ऐसे पांच कार्ड है। जिसे इकट्ठे करना है जिसकी वजह से लोग और ज्यादा मैगज़ीन खरीद लेते अगले 2 -3 साल में  बंपर प्रॉफिट हो गया। इस बंपर सेल बंपर प्रॉफिट के चक्कर में धीरे धीरे Marvel कॉमिक्स की राइटिंग की क्वालिटी खराब हो गयी। करेक्टर तो है पर कहानियों में मज़ा नहीं आ रहा हूँ। वो ट्विस्ट नहीं है, वो ऐक्शन नहीं है, वो कॉमेडी नहीं है, मज़ा ही नहीं आ रहा। 1993 आने तक ये बूम टूट गया। दो तीन सालों में इतनी बुरी हालत हो गयी की भाई साहब सेल भी नहीं हो रही और दुनिया भर के कर्जे पाल लिए तो उन्होंने कहा भैया अब इस कंपनी को एक दूसरी कंपनी जो अभी मार्वल के खिलौने बनाती है।इनका इसके साथ इस को मर्ज कर देते हैं। तो उन्होंने कहा कि इस को मर्ज कर देंगे तो Toy Biz के शेयर होल्डर  मर्ज नहीं करने दे रहे थे  हो तो पेर्लमैन ने कहा  मार्वल कॉमिक्स की बैंकरप्सी फाइल करते हैं। जब कंपनी दिवालिया हो जाती है तो कंपनी के शेयर होल्डर का हक खत्म हो जाता है और फिर ये अपने हिसाब से डिसिशन ले सकते है और 2 साल तक बहुत दुनिया भर की माथा फची करनी पड़ी क़ानूनी लड़ाई हुई उस दौरान पेरेलमैन   भी बाहर और दूसरे भी बहार, फाइनली मर्जर हो गया|

Toy Biz के दो एग्जीक्यूटिव थे Isaac Perlmutter और Avi Arad। इन दोनों के हाथ में कंपनी आ गई और उन्होंने कहा भैया आप कंपनी हम चलाएंगे  और यहाँ से चालू हुई है मार्वल की कहानी। अब मार्वल बैंकरप्सी से बाहर आया जेब का पैसा सारा खत्म हो चुका है। बस उसके पास ले दे के अपनी मैगज़ीन है। कुछ लोग हैं और छोटी मोटी कहानी छाप रहे हैं तो उन्होंने कहा आप क्या करे? अब कंपनी को भैया पुनर्जीवित करने का प्रयास चालू किया। अब इन्होंने कहा मैगज़ीन में तो फ्यूचर नहीं है, फ्यूचर तो है मूवी में मूवी बनाने के जेब में पैसे ही नहीं मूवी बनाने वालों को कहा एक काम करो हमारे कैरेक्टर किराये पर ले लो हमारे कैरेक्टर का लाइसेंस तुम ले लो हमारे करेक्टर पे तुम भी बना लो हमें तो लाइसेंस की फीस देते है ना तो इनका कैरेक्टर Blede करके इन्होंने वो लाइसेंस कर दिया। उस पे मूवी बनी मूवी ने कलेक्शन किया 70 मिलियन आज की भाषा में कहें तो 550 करोड़ जिसमे मार्वल को मिले  $25,000  तो धीरे धीरे ऐसे ही चला फिर 2003 आ गया। इन्होंने कहा पैसे नहीं हैं, काम करें। अपने करेक्टर को बेच देते हैं ये कैप्टन अमेरिका  को बेचने वाले थे। उसी दौरान कंपनी में एक व्यक्ति की एंट्री होती है और इस व्यक्ति की एंट्री ने गेम बदल दिया। इस बन्दे का नाम था डेविड मेजल  इसने कहा, सुनो मेरी बात – पैसा खुद की मूवी में है तो खुद की मूवी बनाओ। दूसरी बात इस ने कहा कि देखो खुद की मूवी बनाने के फायदे क्या है? तुम्हारा ही कैरेक्टर है, तुम पार्ट वन बनाओ, टू बनाओ थ्री बनाओ और जैसे कॉमिक्स में होता है ना की आयरन मैन की मूवी में Spiderman घुस गया है। स्पाइडर की मूवी में  Thor घुस गया। ये आपस में घुसेंगे तो ऑडियंस को मज़ा आएगा बोले पैसा नहीं है तो लोन ले लो लेकिन मूवी खुद की बनाओ ये गए Merrill Lynch के पास गए पैसे लेने तो इन्होने अपने 10 दस करेक्टर को गिरवी रख करके 525 मिलियन लेकर आये । इस 525 मिलियन से कम से कम 810 मूवी बनाएंगे|

2008 में पहली मूवी आयरन मैन बनाई और इन्होंने 525 मिलियन का लोन लिया था। उस पहली मूवी ने 585 मिलियन कमा दिया है। इसलिए मैंने कहता हूँ कि Iron Man ने मार्वल स्टूडियो को जिंदा किया है। और अब मार्बल में 32 मूवी है तो आइरन मैंने इनको पुनर्जीवन दान दे दिया। दोबारा वापस खड़ा कर देगा। उसके अलावा  ऐनिमेटेड शो भी किए। पहले कॉमिक्स टीवी आया, फिर उनका ऐनीमेटर शो भी बनाआ। देखो भाई लोग जहाँ 2003 में इसको कोई  सूंघ नहीं रहा था, बैंक लोन देने के लिए करेक्टर गिरवी मांग रहा था। 2008 में एक हिट मूवी क्या बनी? 2009 में डिज़्नी ने इसको खरीद लिया। 4.3 बिलियन डॉलर है जहाँ कोई इसको 4000 करोड़ का लोन नहीं दे रहा है, वहाँ 35,000 करोड़ में कंपनी ही खरीद ली गयी|

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Anoop Kumar
Anoop Kumarhttp://centric24.com
नमस्कार दोस्तो मेरा नाम अनूप कुमार है मैं Centric24.com का लेखक हूं|

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