होमBusiness Case Studyआखिर सबकी पसंदीदा गाड़ी THAR की शुरुआत कैसे और कब हुई?

आखिर सबकी पसंदीदा गाड़ी THAR की शुरुआत कैसे और कब हुई?

Mahindra Thar की शुरुआत किस प्रकार हुयी थी आईये विस्तार से जाने

Mahindra THAR जब यह रोड पर चलती है तो लोग इसे पलट पलटकर जरूर देखते हैं। क्योंकि Thar है ही ऐसी चीज़ आज कई लोगों का सपना होता है की वो भी 1 दिन Mahindra THAR लेंगे। इसीलिए आज थार का 1 साल का तो वेटिंग पीरियड है
लेकिन क्या आपको पता है की अगर द्वितीय विश्वयुद्ध नहीं होता तो आज ये Thar भी नहीं होती। बात कुछ ऐसी है कि 1940 में द्वितीय विश्वयुद्ध शुरू था और अमेरिका को पता था की इसको भी युद्ध में हिस्सा तो लेना पड़ेगा और इसके लिए अमेरिकी आर्मी को कुछ खास गाड़ियां की जरूरत थी।
और उनको ऐसी गाड़ी चाहिए थी जो टैंक और ट्रक जितनी भारी भी ना हो और हर जगह पर वो गाडी चल सके। और तब अमेरिकी सरकार ने 100 से अधिक ऑटोमोबाइल कंपनियों को कहा था की आप एक युद्ध के लिए चार पहियों वाले गाड़ी का डिजाइन तैयार कीजिए। उसने कहा था कि वक्त बहुत कम है और उन 100 में से दो कंपनियां सबसे पहले आयी थी, उसमें थी Batam और Willys कंपनी |
Willys कम्पनी ने थोड़ा वक्त मांगा था। लेकिन सरकार ने कहा कि अभी टाइम ही नहीं और बैटम कंपनी ने गाड़ी का प्रोटोटाइप तैयार कर लिया था। बाद में सितंबर 1940 में इसकी टेस्टिंग भी की थी।
और सरकार की सभी उम्मीद पर ये गाड़ी खरी उतरी थी और अमेरिकी सरकार को ऐसी हजारों लाखों गाड़ियां चाहिए थी। लेकिन इतने कम समय में इतनी सारी गाड़ियां बनाने के लिए तैयार नहीं थी और इसीलिए इस गाड़ी का डिज़ाइन Willys कंपनी को दिया गया
संन 1943 में विलिस ने गाड़ी बनाई और तब इस गाड़ी का ब्रैंड नेम Jeep रखा और इसको अपने नाम रजिस्टर भी करवा लिया और ट्रेडमार्क भी ले लिया और अमेरिकन आर्मी के लिए हर जगह पर इस जीभ का इस्तेमाल होने लग गया था। और जब तक सेकंड वर्ल्ड वॉर खत्म हुआ तब तक 6,40,000 गाड़ियां जीप की बनाई थी। और तब तक तो पूरे अमेरिका के अंदर ये जी बहुत फेमस हो गई थी
 हर कोई इसे देखता था। लेने का सपना भी देखता था, लेकिन जब 1955 के अंदर युद्ध बंद हो गया था तब jeep की डिमांड भी धीरे धीरे कम होने लग गयी थी। इसलिए जो कुछ गाड़ी बची थी और विलिश कंपनी ने सोचा कि इसे अमेरिका के अंदर आम लोगों को भी बेचना शुरू कर देते हैं और इसके एक दो मॉडल भी लॉन्च किए थे
 लेकिन अमेरिका के अंदर कोई लोग इसे लेना नहीं चाहता था। मतलब की बहुत कम लोग ले रहे थे और कंपनी धीरे धीरे लॉस में जा रही थी क्योंकि पहले तो सरकार ले रही थी लेकिन अब कोई भी नहीं ले रहा था। इसलिए लॉस बहुत हो रहा था।

Mahindra THAR की शुरुआत

तब एंट्री होती है दो इंडियन बिजनेसमैन की जगदीशचंद्र महिन्द्रा और कैलाशचन्द्र महिन्द्रा और तब इन दोनों महिन्द्रा ब्रदर को Jeep  बहुत अच्छी लगी थी और विलिश जीप को इंडिया में लाने के लिए डील भी कन्फर्म कर ली। और जब 1947 में देश आजाद हुआ था
तब 75 jeep को इंडिया में लाये थे और शुरुआत के अंदर महिन्द्रा कंपनी सिर्फ बाहर से जीप को लाती थी और असेंमबल करती थी। लेकिन बाद में 1949 में Willys CJ-3A jeep को भारत में बनाना शुरू कर दिया और ये भारत की पहली ऑफरोडर गाड़ी थी जो उबड़-खाबड़ रास्तो में भी बढ़िया चलती थी  बाद में पूरे भारत का 25% का मार्केट शेयर भी इस कार हथिया लिया था और बाद में 1953 में Willys CJ-3A को अपग्रेड करके CJ-3B मॉडल को लॉन्च किया और ये पहली एसयूवी गाड़ी थी
जो मिलिट्री की गाड़ी से कुछ अलग दिखती थी और मार्केट में ये गाड़ी बहुत चली थी और 1985 में महिन्द्रा ने CJ-3B का लुक बदल दिया और इसका नाम Mahindra MM 540 नाम रख दिया।
 इसका जो इन्टीरीअर होता है वो भी पहले की जीभ से अलग था और ये एसयूवी थी और जब महिन्द्रा Willys से अलग हो गयी थी तब महिन्द्रा ने Mahindra MM550  मॉडल को भी लॉन्च किया था और फिर Mahindra classic आयी फिर साल 2000 में आर्मी वालों के लिए महिन्द्रा रक्षक आये। फिर बाद में 2006  से Mahindra Legend आयी | और लास्ट में ये पूरी सीरीज की महिन्द्रा मेजर आयी |
 ऐसे ही महिन्द्रा धीरे धीरे कई सारे मॉडल को अलग अलग तरीकों से लॉन्च किया। लेकिन 90 के दशक के बाद महिन्द्रा के सभी गाड़ियों की मांग धीरे धीरे कम हो रही थी।
और 21 वीं सदी की शुरुआत में बोलेरो और स्कॉर्पियो जैसी गाड़ी आ गई थी। इसकी वजह से जीप की मांग बहुत कम हो गई थी और सभी लोग जो ये नयी -नयी गाडी आ रही थी उसकी तरफ जा रहे थे और जीप की वैल्यू बहुत कम हो गई थी और उसका आखरी सहारा जो इंडियन आर्मी थी
 क्योंकि वो आजादी के बाद से महिन्द्रा की जीप ले रहे थे, वो भी अब मारुति की जिप्सी लेने लग गए थे और इस तरह से महिन्द्रा के लिए सभी दरवाजे बंद हो गए थे।
फिर 2010 में Mahindra THAR  को लॉन्च किया और इसमें फ़ोर व्हील ड्राइविंग का ऑप्शन था और इसके अंदर 2.6 लीटर और 2.5 लीटर का इंजिन था लांच होने के बाद से ही  Mahindra THAR की बिक्री बहुत तेजी से होने लग गयी थी और सभी लोग इसके पीछे पड़ गए थे और ये मारुति की गाड़ियों को भी टक्कर दे रही थी और कई साल तक इस के मॉडल को ऐसे ही चलाया गया। लेकिन सरकार ने कार के अंदर कई सेफ्टी इश्यू की वजह से गाड़ियों के नियम बदले थे
 इसकी वजह से यह उसमें फिट नहीं बैठ रही थी। और इसके बाद  THAR 700 एडिशन को निकाला | और फिर 2020 अक्टूबर के अंदर महिन्द्रा थार  का एक नया वर्जन लॉन्च किया और ये THAR आने के बाद पूरा मार्केट हिल गया था और सभी लोग इस महिन्द्रा की THAR को लेने लग गए थे और 1 साल के अंदर थार की 75,000 बुकिंग हो चुकी थी और THAR का 1 साल का तो वेटिंग पीरियड बोल रहा था।
और बाद में महिन्द्रा ने ढ़ाई साल के अंदर 1 लाख गाड़िया बेच भी दी और जब ये थार लॉन्च हुई थी ना उसके तीन सप्ताह के अंदर ही 50,000 बुकिंग हो चुकी थी और लास्ट में नवंबर 2022 के अंदर रिकॉर्ड तोड़ एक महीने के अंदर 20,000 बुकिंग आयी थी।
लोग इतने पागल हो गए थे की THAR  को लेने के लिए और इस तार की प्राइस 15लाख से 20लाख के अंदर होती है और अगर आपके पास इतने पैसे हो भी तो आपको तुरंत THAR  नहीं मिलेगी क्युकी महिंद्रा की थार में 2 साल की वेटिंग चल रही है

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Anoop Kumar
Anoop Kumarhttp://centric24.com
नमस्कार दोस्तो मेरा नाम अनूप कुमार है मैं Centric24.com का लेखक हूं|

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