दोस्तों आप प्रफुल्ल बिल्लोर को या MBA चायवाला के नाम से जानते होंगे। एक समय ऐसा था जब Prafull Billore की सुर्खियां बटोरा थे लेकिन अब हालात ऐसी हैं कि कोई अपने आप को प्रफुल्ल के साथ जुड़ना नहीं चाहता है क्योंकि लोगों के मुताबिक वह फ्रॉड है और बहुतों को अपने फ्रैन्चाइज़ी के नाम पर लूट चुका है। तो दोस्तों आइए जानते हैं कैसे? मध्यप्रदेश के एक माध्यम वर्गीय परिवार का लड़का प्रफुल्ल बिल्लोर हुआ इतना फेमस और क्यों? अब हर कोई उसे धोखेबाज़ क्यों कह रहा है।
जैसे की आप जानते होंगे कि भारत स्टार्टअप का केंद्र बनता जा रहा है और अमेरिका और चीन के बाद सूची में तीसरे स्थान पर है। भारत में 340 बिलियन डॉलर के वैल्यूएशन के साथ 160 प्रभावशाली यूनिकॉर्न स्टार्टअप्स हैं। इसके अलावा भारत ने 2022 तक लगभग 77 हजार छोटे -बड़े स्टार्टअप्स को मान्यता दी है। प्रफुल्ल बिल्लोर उन्ही में से एक हैं, जिन्होंने अपनी शुरुआत चाय बेचने से की और अपनी अनूठी मार्केटिंग रणनीति के मदद से लगभग 20-25 करोड़ रुपए कमाए।
यह भी पढ़े- क्या Winity फ्रॉड कर रही है? Wintity कब शुरू हुई
प्रफुल्ल बिल्लोर के बारे में –
प्रफुल्ल बिल्लोर का जन्म साल 1996 में भारत देश के मध्यप्रदेश राज्य के धार जिले में 14 जनवरी को हुआ था। प्रफुल ने इंदौर से अपनी प्राथमिक शिक्षा ग्रहण की। इसके बाद उन्होंने अपना B. COM पूरा किया। पढ़ाई करने के लिए उनकी फैमिली ने उनका पूरा सपोर्ट किया। प्रफुल शुरू से ही पढ़ाई में अच्छा था और वह MBA करने की चाहत रखता था। प्रफुल ने IIM अहमदाबाद से MBA करने के लिए लगातार 3 साल तक CAT यानी की Common Admission Test For Getting Admission into Master and Business Administration की तैयारी की परन्तु हर बार असफल रहा। अपने असफलता के कारण वो बहुत उदास हो गया और कुछ समय के लिए कैट की तैयारी छोड़ दी।
2016 में जब वो 20 साल का था तब वो CAT एग्जाम पास नहीं कर पाया। CAT के परिणाम घोषित होने के बाद जब इसने अपने सपने को चकनाचूर होते देखा तो उसने अपने पापा से बात की और कहा कि अब वह पढ़ाई नहीं करना चाहता और घूमने निकल गया। पर इसके बाद फैमिली प्रेशर की वजह से प्रफुल ने अहमदाबाद के एक प्राइवेट MBA कॉलेज में पढ़ाई शुरू की।
लेकिन prafull के मन में एक विचार था कि अगर उसने कभी MBA किया तो किसी टॉप कॉलेज से ही करेगा वरना वो M.B.A.नहीं करेगा। इसके बाद पढ़ाई में मन ना लगने के कारण उसने अपनी डिग्री भी ड्रॉप कर दी और वो भी सिर्फ 12 दिनों के बाद।
अपने माता पिता को बिना अपना खर्चा निकालने के लिए प्रफुल्ल बिल्लोर ने Mc Donald’s में ₹37 प्रति घंटे पर वेटर की जॉब शुरू की। Mc Donald’s में काम करके प्रफुल को बहुत लाभ हुआ और कई स्किल्स सीखने को मिली जैसे की सेल्स स्किल्स, मैनेजमेंट स्किल्स आदि। वेटर के प्रमोशन के बाद वो ऑर्डर लेने लग गया और नए लोगों से मिलकर एक्सपिरियंस ग्रो करने लगा। मैकडोनल्ड्स में काम करना प्रफुल्ल के जीवन में एक अच्छा निर्णय था,
MBA चायवाला की शुरआत कैसे हुई-
लेकिन वह जीवन भर खुद को वहाँ काम करते हुए नहीं देखना चाहता था। अपने विचार के साथ आगे बढ़ कर कुछ रुपए उधार लिए और अपनी चाय की दुकान शुरू करने का फैसला लिया।
प्रफुल्ल ने अपने पिताजी से पढ़ाई के बहाने से ₹8000 उधार लिए और 25 जुलाई 2017 को Prafull Billore ने अहमदाबाद में अपना चाय स्टॉल व्यवसाय शुरू किया और इसका नाम MBA चायवाला रखा। प्रफुल्ल अब अहमदाबाद में चाय का व्यवसाय करता है और MBA चायवाला के नाम से प्रसिद्ध है और पिछले पांच से छह सालों में उसने अपने व्यवसाय के टर्न ओवर को 25 करोड़ से ज्यादा तक पहुंचा दिया है। M.B.A. चायवाला फेमस हो गया। धीरे -धीरे MBA चायवाला हर जगह खड़ा होने लगा और फिज़िकली और फाइनैंशली दोनों तरफ से मजबूत होने लगा। Prafull ने वैलेनटाइन्स के दिन सिंगल्स लोगो के लिए मुफ्त चाय दी जो वायरल हो गई।
इसके अलावा MBA चायवाला ने दिल्ली और बिहार सरकार के साथ चुनाव अभियान, कैंसर रोगियों, वंचित लोगों के लिए धन उगाहने वाले प्रोग्राम और केरल बाढ़ राहत जैसे कार्यक्रम आयोजित किए हैं। आज MBA चायवाला काफी फेमस है,और आज नेशनल और इंटरनेशनल इवेंट्स करता है और उनका नेटवर्किंग भी बहुत बड़ा है। 40 से 50 लोगों को रोजगार दी है |
प्रफ़ुल्ल ने। अपने स्पीकिंग स्किल्स और मार्केटिंग स्ट्रैटिजी के बदौलत बहुत सारे जगहों पर इनके आउटलेट्स खोलने लगे।
MBA चायवाला फेल कैसे हुआ-
दोस्तों अब आप सोचते होंगे कि आखिर क्यों अच्छे इंसान लगने वाले प्रफुल्ल बिल्लोर विवादों से घिरे हुए हैं? वह कहते हैं ना किसी की शक्ल देखकर उसके बारे में राय मत बनाइए क्योंकि यहाँ सब के दो चेहरे होते हैं वैसे ही कुछ हाल है। प्रफुल्ल बिल्लोर के विवाद के साथ। जो बड़ा लाखों लोगों के लिए प्रेरणास्त्रोत बना था, आज उसी बंदे को लोगों द्वारा झूठा और फ्रॉड कहा जा रहा है। यह सिलसिला सबसे पहले तब शुरू हुआ
जब प्रफुल्ल बिल्लोर के मीम वायरल होने लगे। उसमें उसे एक पनौती इंसान की तरह दिखाया गया है। इसके बाद 4 अप्रैल 2023 को इंदौर के रहने वाले एक शख्स आशीष तिवारी ने लसूड़िया पुलिस स्टेशन जाकर मिस्टर प्रफुल्ल बिल्लोर के खिलाफ़ एक एफआईआर दर्ज की। आशीष के मुताबिक एमबीए चायवाला ने फ्रैन्चाइज़ी के नाम पर ₹10 लाख की रकम ली और आशीष को यह आश्वासन दिया कि दिन का लगभग ₹10,000 का सेल होगा।
आशीष ने मीडिया के सामने आकर यह कहा कि उन्होंने बैंक से लोन तक लिया था और अभी 10,000 तो छोड़िए 1000 रुपयों का भी सेल नहीं हो रहा है और ऐसे ही लसूड़िया, विजयनगर, भंवरकुआं और बाकी के पुलिस स्टेशन के लोकेशन्स मिलाकर प्रफुल्ल के ऊपर कुल 28 शिकायतें दर्ज हो चुकी है।
फ्रैन्चाइज़ मालिको की सुनी जाए तो उनका ऐसा कहना है कि प्रफुल्ल बिल्लोर झूठे वादे किए और फ्रैन्चाइज़ी कॉस्ट, कच्चा माल और उपकरण की कीमत के नाम पर पैसे लिए। मार्केट में अभी MBA चायवाला का ऐसा सीन है कि उनके ज्यादातर दुकान ब्रेकईवेन भी नहीं कर पा रहे हैं और घाटे में चल रहे हैं।
यूट्यूब एक्सपर्ट्स की बातों के मुताबिक, MBA Chaiwala अपने चाय से ज्यादा अपने विनम्र बैकस्टोरी के वजह से फेमस हैं और पब्लिक में एक सोशल सेलिब्रिटी की तरह है। Prafull Billore के स्पीकिंग स्किल्स और मिडल क्लास वाले विनम्र बैकस्टोरी के वजह से देश के बहुत सारे लोग प्रफुल्ल के साथ कनेक्ट कर सकते हैं।
और उसी कारण से लोग उन्हें सपोर्ट करते है। जब लोगों को लगने लगता है की वो भी प्रफुल के जैसे ही कुछ कर सकते हैं तो प्रफुल उनके ऊपर दो विकल्प प्रदान करते हैं। या तो प्रफुल्ल बिल्लोर की तरह संघर्ष करें या फिर प्रफुल की फ्रैंचाइज़ी खरीद ले। बहुत लोगो ने दूसरा विकल्प जो उन्हें आसान लगा उसे अपना लिया। जिन लोगों ने दूसरा विकल्प खरीदा वह MBA चायवाला फ्रैन्चाइज़ी के साथ जुड़ गए। Prafull को पैसे देने के बाद उन सब लोगों ने जब हिसाब लगाया तो देखा कि प्रॉफिट करने के लिए उन्हें दिन का मिनिमम 8000 का सेल करना होगा।
प्रफुल के बिज़नेस मॉडल का सबसे बड़ा दोष बाहर निकला जिसमे MBA चायवाला की लोकेशन्स, जो ज्यादातर Tiar-1 या Tiar-3 सिटीज में है, जहाँ एक कप चाय की कीमत ₹70-80 रुपए है, जो शायद ही कोई खरीदता हो। एक बार के लिए हम Tiar-1 शहरों के बारे में सोच भी सकते हैं, जहाँ उन्हें ऐसे ग्राहक या क्राउड मिल सकता है जो ₹70-80 रुपए वाली चाय और अन्य उत्पाद खरीदने को तैयार हो जाएं। लेकिन Tiar-2 या Tiar-3 में
जहाँ हर गली-चौराहे पर चाय की टपरी होती है, जहाँ ₹7-10 रूपए वाली चाय मिल जाती है 7-10 रूपए वाली चाय के साथ प्रफुल्ल भाई की 70 -80 रूपए वाली चाय कॉम्पीट नहीं कर पाई, क्योंकि उनके प्रोडक्ट्स प्रीमियम कैटेगरी में मिलते हैं और छोटे शहरों में इसके लिए क्राउड मिलना मुश्किल है। और ऐसे कॉम्पिटिटिव एनवायरनमेंट की वजह से MBA चायवाला यहाँ चल नहीं पाया।