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Xiaomi ख़त्म क्यों होते जा रहा है? इसका क्या कारण है? case study

इंडिया में Xiaomi कब आया और कैसे आया ?

एक समय में  इस ब्रैंड ने अपने टाइम पर ऐप्पल, सैमसंग और माइक्रोसॉफ्ट जैसे ब्रैन्डस की तो बैंड ही बजा दी थी।लॉन्च होते ही शाओमी के फ़ोन 1 मिनट में ही खत्म हो जाते थे, लेकिन अब सवाल यह है कि आज के समय में Xiaomi अपने डाउनफॉल की तरफ क्यों जा रहा है? चलिए आज हम जानते है कि शाओमी के रिज़ल्ट डाउनफाल की तरफ क्यों जा रहे है-

तो दोस्तों 2014 से पहले तक शाओमी चाइनीज मार्केट में तो बेहद पॉपुलर था लेकिन इंडिया में इसने अभी तक एंट्री नहीं ली थी। यहाँ पे इस ब्रैंड के बूम करने का सफर तब शुरू हुआ जब ऑनलाइन फैशन रिटेलर Jabong.com के फाउंडर Manu Kumar Jain फंडिंग के लिए 2013 में चाइना गए, वहा बीजिंग में चल रहे हैं। एक कॉन्फ्रेन्स में मनू की मुलाकात  Xiaomi के  फाउंडर Lei Jun से हुई और उन्हें Lei Jun  के आइडियाज़, बिज़नेस मॉडल और अफोर्डेबल प्राइस पर हाई क्वालिटी स्मार्ट फोन्स बहुत पसंद आये।

मन्नू को लगा की इंडिया को भी इस तरह के बेहतरीन और अफोर्डेबल फ़ोन की जरूरत है। इसलिए वो कॉन्फ्रेंस के बाद Lei Jun से मिले और ऑफर दिया कि वह शाओमी के साथ काम करके उसके ऑपरेशन्स को इंडिया में भी एक्सपैंड करना चाहते हैं। इस तरह से कई महीनों की प्लानिंग और डिस्कशन के बाद मनु जैन ने Jabong को छोड़ दिया और इंडिया में शाओमी के पहले इम्प्लॉई बने, जिनका मेन पर्पज एक ऐसी टीम बनाना था जो इंडिया में सेल्स, मार्केटिंग और आफ्टर सेल्स सर्विस को मैनेज कर सकें। ऐसे ही काफी एफर्ट के बाद जुलाई 2014 को शाओमी ने अपना पहला स्मार्टफोन इंडियन मार्केट में उतारा, जिसका नाम था Xiaomi Mi 3। इस फ़ोन में शाओमी काफी अच्छे फीचर्स ऑफर कर रहा था जो कि उस समय के दूसरे ब्रैन्डस में अवेलेबल नहीं थे।

जैसे फाइव इंच Full HD डिस्प्ले, पॉवरफुल स्नैपड्रैगन 800 प्रोसेसर टू जीबी रैम और 13 मेगापिक्सल रियर कैमरा जो 2014 में टॉप ऑफ द लाइन फीचर्स माने जाते थे। अपने हार्ड्वेर स्पेक्स के अलावा Xiaomi Mi 3 अपने MIUI  ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलता था, जो हाइली कस्टमाइजेबल था। इस Mi 3 को मार्केट में अवेलेबल बाकी के ऐन्ड्रॉइड स्मार्टफोन से डिफ्रेंशीएट करने में काफी मदद की। यही वजह थी कि Xiaomi mi 3 लॉन्च होने से पहले ही लोगों के बीच खूब पॉपुलर हो गया था और सिर्फ 2 मिनट के अंदर ही ये फ़ोन Sold out  हो गया।

लेकिन सिर्फ अफोर्डेबल प्राइस और हाई एंड स्पेसिफिकेशन्स ही एकमात्र ऐसी चीज़ नहीं थी, जिसने इस ब्रैंड को इतना  पॉपुलर बनाया, बल्कि शिओमी की मार्केटिंग स्ट्रैटिजी भी बाकी ब्रैन्डस से काफी अलग थी। अब आज से 10 साल पहले आपको याद होगा कि हम लोकल स्टोर से जाकर फ़ोन खरीदा करते थे लेकिन आज के टाइम पर आप में से बहुत से लोग अपना फ़ोन ऑनलाइन ही ऑर्डर करते होंगे। अब ये बदलाव सडनली नहीं आया बल्कि इसकी शुरुआत काफी साल पहले हो चुकी थी और इस बदलाव को सबसे पहले शाओमी ने ही नोटिस किया था। इसीलिए लोकल ऑफलाइन स्टोर पर अपने फ़ोन को डिस्ट्रीब्यूट करने की जगह उसने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर फोन्स को लॉन्च करना बेहतर समझा और इसके लिए उसने फ्लिपकार्ट से पार्टनरशिप कर ली।

इस पार्टनरशिप का कंपनी को भरपूर फायदा मिला क्योंकि फ्लिपकार्ट है। एक बहुत बड़े कस्टमर बेस के साथ इंडिया का वन ऑफ द लार्जेस्ट ऑनलाइन मार्केटप्लेस था। इसीलिए यहाँ पर फ़ोन लॉन्च कर के शाओमी काफी आसानी से बहुत बड़ी संख्या में कस्टमर्स को अट्रैक्ट करने में सफल हो गया। अपने पहले स्मार्टफोन की सक्सेस के बाद शाओमी ने 2014 में ही Redmi 1s  लॉन्च किया जो की  स्नैपड्रैगन 400 प्रोसेसर, वन जीबी रैम और 8 GB इंटरनल स्टोरेज प्रोवाइड करता था। और इसका प्राइस रखा गया था सिर्फ ₹5999? शिओमी ने अपना एक और अफोर्डेबल स्मार्टफोन रेडमी नोट मार्केट में उतारा और इसका प्राइस रखा गया था  ₹8999। इन सभी अच्छे स्मार्टफोन्स ने Xiaomi को स्ट्रांग ब्रैंड इमेज डेवलप कर दी और लोगों के बीच इसकी डिमांड खूब बढ़ने लगी। ये ऐसा दौर था जब हर किसी की जुबां पर सिर्फ Xiaomi, Mi, Redmi का नाम होता था। शाओमी ने इसके बाद भी कई सारे कमाल के फोन्स लॉन्च किये जोकि लोगों के बीच बेहद पॉपुलर रहे और इसने हर घर में अपनी पहचान बना ली।

ये अपने कुछ स्मार्टफोन्स का लुक बिल्कुल आइफोन के जैसा बनाते थे। इसीलिए यह फ़ोन उन लोगों के लिए एक बेहतरीन अल्टरनेटिव था जो एप्पल के महंगे फ़ोन को अफोर्ड नहीं कर सकते थे लेकिन उसके जैसा लुक जरूर चाहते थे। लोगों के बीच Redmi Note  सिरीज़ को लेकर भी खूब क्रेज देखने को मिला और इस सिरीज़ के फ़ोन का लोग महीनों पहले से इंतज़ार करते थे। इसी क्रेज और डिमांड की वजह से शाओमी 2017 के एंड तक बाकी के सारे पुराने प्लेयर्स को पीछे करते हुए इंडियन स्मार्टफोन मार्केट में नंबर वन पर आ गया। अब इसके नंबर वन पर आने के पीछे तीन मेन रीज़न थे।

पहला ये कि लोग उस टाइम पर कीपैड वाले फ़ोन से यूज़ करते थे जिसकी बैटरी काफ़ी लॉन्ग लास्टिंग होती थी। लेकिन जब वो शुरुआती स्मार्टफोन पर शिफ्ट हुए तो इसकी बैटरी बहुत ही जल्दी लो हो जाती थी और इसी प्रॉब्लम की वजह से काफी लोग स्मार्ट फ़ोन के साथ साथ कीपैड वाला फ़ोन भी रखते थे। लेकिनXiaomi ने इस बात को समझा और इंडिया में पहला ऐसा  मोबाइल ब्रांड था जिसने और 4000 mAh तक की कपैसिटी वाली बड़ी बैटरी के साथ स्मार्टफोन्स को लॉन्च किया। Xiaomi के Succes का सेकंड रीज़न था कि उस समय सैमसंग और ऐप्पल मार्केट के प्रीमियम सेगमेंट पर  राज़ कर रहे थे।

लेकिन उनका प्राइस इतना ज्यादा था की अधिकतम लोग उनके Phones को अफोर्ड नहीं कर पाते थे। मीडियम रेंज की कैटगरी में सिर्फ माइक्रोमैक्स, कार्बन या लावा जैसे ब्रैंड्स मौजूद थे। लेकिन इन फ़ोन से मिलने वाले खराब यूजर एक्सपिरियंस की वजह से कस्टमर इन सभी ब्रैन्डस से तंग आ चूके थे। इसलिए जब शाओमी ने अपना स्मार्टफोन मार्केट में उतारना शुरू किया तो इसने इन सभी कमियों को खत्म कर दिया और सिर्फ 2 साल में ही इसने इतना तेजी से ग्रो किया कि बाकी सभी ब्रैन्डस से काफी पीछे रह गए। 2017 में शाओमी एक ऐसा ब्रैंड था जिसने इंडिया में सबसे ज्यादा स्मार्टफोन बेचे थे।

और दोस्तों, इंट्रेस्टिंग बात तो ये है कि शाओमी टीवी ऐड या फिर होर्डिग्स पर बिना एक पैसे खर्च किये भी इंडिया में सबसे बड़ा ब्रैंड बन गया था। साल 2020 में शाओमी 28% मार्केट शेयर के साथ टॉप पर था लेकिन धीरे धीरे वो अपनी बादशाहत खोने लगा और 2022 में इसका मार्केट शेर डाउन हो कर 16% पर आ गया। जबकि इसी समय में विवो और सैमसंग के मार्केट शेयर में बहुत बड़ा उछाल देखने को मिला था। तो आखिर क्या रीज़न है कि Xiaomi धीरे धीरे अपने कस्टमर्स को खोता जा रहा है

आइए इस को समझते हैं डाउन फॉल इन लो प्राइस सेगमेंट तो दोस्तों जब Xiaomi इंडियन मार्केट में एंटर हुआ था, उस समय बहुत बड़ी संख्या में न्यू स्मार्टफोन यूजर्स बने थे। लेकिन यह आदमी का स्वाभाव है की अगर वो उस टाइम 15,000 का फ़ोन यूज़ कर रहे थे तो अगली बार 20 या 25,हजार  का फ़ोन तो जरूर ट्राई करना चाहेंगे, क्योंकि हमें और भी ज्यादा बेटर फीचर्स का एक्सपिरियंस तो करना होता है। यही वजह है कि फिलहाल इंडिया में स्मार्ट फ़ोन के प्रीमियम सेगमेंट की तरफ यूजर्स काफी तेजी से अट्रैक्ट हो रहे हैं। लेकिन शाओमी के 70-80% स्मार्टफोन 15,000 के अंदर है और इस प्राइस सेगमेंट में बहुत बड़ा डाउनफॉल आया है।

जिसका असर Xiaomi  के मार्केट शेयर पर भी देखने को मिल रहा है। अब यही सब देखते हुए शाओमी ने भी प्रीमियम सेगमेंट में अपने फोन्स लॉन्च किये लेकिन उसमें अभी कुछ खास कामयाबी नहीं मिल पाई है क्योंकि शिओमी की ब्रैंड इमेज एक अफोर्डेबल स्मार्टफोन वाली हो गयी है जिसकी वजह से लोग इसे प्रीमियम सेगमेंट में एक्सपेक्ट नहीं कर पा रहे है। MIUI OS जो की उस टाइम पर जो चीज़ शाओमी को बाकी ब्रैन्डस से अलग बनाती थी, वो थी उसके शानदार MIUI OS , जो बहुत ही ज्यादा स्मूथ थी। टाइम पर अपडेट्स भी आते थे और ओवरऑल लोगों का यूजर यूजर एक्सपिरियंस भी बहुत अच्छा था।

हालाकी शुरुआत में इसके अंदर वो  Bloatware and ad जैसे प्रॉब्लम्स आए, लेकिन इन्हें काफी हद तक सॉल्व कर दिया गया। मगर अभी पिछले कुछ सालों से ये प्रॉब्लम्स लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं, क्योंकि जहाँ एक तरफ इसमें काफी सारे Boat ware  है, तो वहीं दूसरी तरफ यूजर bugs की प्रॉब्लम भी फेस कर रहे हैं। अब अगर आप नहीं समझे तो इसका मतलब होता है प्री इन्सटॉल्ड ऐप जो आपके बैटरी, पावर और स्टोरेज को खाते हैं और इन्हें चाहकर भी आप अनइन्सटॉल नहीं कर सकते। अब अगर आप शाओमी का कोई सस्ता फ़ोन लेते हैं तो उसके अंदर MIUI में कई तरह की प्रॉब्लम्स और Bloatware होते हैं।

यहाँ तक कि शाओमी के प्रीमियम फ़ोन भी इससे पूरी तरह से बच नहीं पाए हैं। ऐसे में प्रीमियम प्राइस पे करने पर भी जब उस लेवल की फील ना मिले तो यूजर बहुत ही ज्यादा डिसअप्पोइंट हो जाते हैं और यह भी एक बहुत बड़ा रीज़न है कि शाओमी प्रीमियम सेगमेंट में अधिक कस्टमर नहीं बना पा रहा है। मदरबोर्ड और कैमरा इशूज़ नेटवर्क कनेक्टिंग समस्या पिछले कुछ सालों में देखने को मिले हैं। साथ ही उसी प्राइस रेंज में अब वनप्लस, विवो या सैमसंग के फ़ोन भी अवेलेबल हैं जो बेहतर यू सर एक्सपिरियंस प्रोवाइड कर रहे हैं। यही वजह है कि पिछले साल शाओमी के सेल्स काफी डाउन हुई और Onepluseका Nord C2 स्मार्ट फ़ोन मोस्ट सेलिंग बन गया |

दोस्तों जुलाई 2021 में शाओमी को इंडिया में इस्टैब्लिश करने वाले मनु कुमार जैन चुप-चाप बैंगलोर से दुबई चले गए, जिसके बाद इन्हें मैनेजिंग डाइरेक्टर से डाइरेक्टर बना दिया गया। मगर बाद में उन्होंने डायरेक्टर के पद से भी इस्तीफा दे दिया। अब इनका कंपनी छोड़कर जाना भी शाओमी के लिए अच्छा साबित नहीं हुआ क्योंकि यह शुरुआत से ही है। ऑपरेशन्स को काफी अच्छे से समझते थे। साथ ही इंडियन कस्टमर्स के व्यवहार से भी वे काफी अवेयर थे।  दोस्तों और शाओमी के डाउन फॉल का एक और रीज़न था इसका वास्ट प्रॉडक्ट लाइन अप जो लोगों को कन्फ्यूज़ करने लगा था। Xiaomi ने लगभग सेम प्राइस रेंज में बहुत सारे फोन्स लॉन्च कर रहा था जिसकी वजह से लोग शाओमी के फ़ोन को एक दूसरे से डिफ्रेंशीएट करने में प्रॉब्लम फेस करने लगे और कोई भी स्मार्टफोन एक यूनीक आइडेंटिटी डेवलप नहीं कर पाया। इन्हीं सभी रीजन्स की वजह से इंडियन स्मार्टफोन मार्केट का ये किंग आज बहुत तेजी से अपनी डाउनफॉल की तरफ बढ़ रहा है। अब Xiaomi  मार्केट में फिर से वापसी कर पाएगा या नहीं ये तो हमें आने वाले समय में ही पता चल पाएगा, लेकिन आपका क्या ओपिनियन है? हमें कमेंट में जरूर बताइयेगा।

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Anoop Kumar
Anoop Kumarhttp://centric24.com
नमस्कार दोस्तो मेरा नाम अनूप कुमार है मैं Centric24.com का लेखक हूं|

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