इंडिया अंतरिक्ष स्टेशन की रेस में सबको पीछे छोड़ने के लिए एक बहुत बड़ा कदम लेने वाला है, लेकिन इस कहानी में एक ट्विस्ट भी है। पूरी दुनिया में अभी सिर्फ अमेरिका और चीन के पास ही अपने स्पेस स्टेशन्स है, लेकिन अब इसरो के गगनयान प्रोग्राम में कुछ और मिशन भी ऐड हुए है, जिसके लिए इन्हें लगभग 11,000 करोड़ रुपए की फंडिंग मिली है। इस फंडिंग के बाद गगनयान प्रोग्राम की टोटल फंडिंग 20,000 करोड़ रुपए तक पहुँच गई है।
इन सभी नए मिशन में से एक है भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन, जो इंडिया का अपना पहला स्पेस स्टेशन होने वाला है। दिसम्बर 2028 तक इस मिशन के अंदर भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन का पहला मॉड्यूल लॉन्च होगा और 2035 तक इंडिया का स्पेस स्टेशन कम्प्लीट भी हो जायेगा।
भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन के बनने से जो टेक्नोलॉजिकल इन्नोवेशन और डेवलपमेंट होगी, उससे इंडिया का स्पेस फील्ड में कॉन्ट्रिब्यूशन बढ़ेगा। लेकिन इस कहानी में एक ट्विस्ट भी है। वो ट्विस्ट ये है की रूस भी 2027 तक अपना स्पेस स्टेशन लॉन्च कर सकता है। ये इंडिया के लिए भी एक चैलेंज की तरह है और देखना ये होगा की इसे कौन जीतेगा इस रेस में क्यों रूस के पास हमसे ज्यादा टेक्नोलॉजी है स्पेस के क्षेत्र में अब देखना होगा की कौन बजी मरता है पहले|
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