अगर आपके पास ₹100 हैं और आप तीन म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करना चाहते हैं, तो आप निम्नलिखित तरीके से निवेश कर सकते हैं पहले हम निफ्टी 50 में ₹20,मिडकैप या फ्लेक्सी कैप में ₹40 और स्मॉल कैप में ₹40 निवेश करूँगा|
क्युकी यह निवेश रणनीति आपको विभिन्न प्रकार के फण्ड में निवेश करने का मौका देती है, जिससे आपके पोर्टफोलियो में विविधता आती है और जोखिम कम होता है। यह निवेश कम से कम 10 साल के लिए किया जाना चाहिए ताकि आपको अच्छे रिटर्न मिल सकें.
म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश के फायदे-
विविधता:
म्यूच्यूअल फण्ड विभिन्न प्रकार के शेयरों और बॉन्ड्स में निवेश करते हैं, जिससे जोखिम कम होता है।
प्रबंधन:
म्यूच्यूअल फण्ड का प्रबंधन अनुभवी फण्ड मैनेजर द्वारा किया जाता है।
लिक्विडिटी:
म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश आसानी से बेचा और खरीदा जा सकता है।
कम लागत: म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश की लागत कम होती है।
सुविधा:
म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करना आसान है और इसमें न्यूनतम निवेश की आवश्यकता होती है।
निफ्टी 50 में निवेश क्यों करना चाहिए?
स्थिरता:
निफ्टी 50 में भारत की टॉप 50 कंपनियाँ शामिल हैं, जो स्थिरता प्रदान करती हैं।
विविधता:
यह इंडेक्स विभिन्न सेक्टर्स को कवर करता है, जिससे जोखिम कम होता है।
लंबी अवधि के लिए अच्छा रिटर्न: निफ्टी 50 ने ऐतिहासिक रूप से लंबी अवधि में अच्छा रिटर्न दिया है।
कम लागत:
निफ्टी 50 इंडेक्स फण्ड में निवेश की लागत कम होती है।
मिडकैप और स्मॉल कॅप फण्ड में अंतर
कंपनी का आकार:
मिडकैप फण्ड: यह मिड-साइज कंपनियों में निवेश करता है, जिनकी मार्केट कैपिटलाइजेशन मध्यम होती है।
स्मॉल कॅप फण्ड: यह छोटी कंपनियों में निवेश करता है, जिनकी मार्केट कैपिटलाइजेशन कम होती है।
जोखिम और रिटर्न:
मिडकैप फण्ड: मिडकैप फण्ड में जोखिम और रिटर्न दोनों मध्यम होते हैं।
स्मॉल कॅप फण्ड: स्मॉल कॅप फण्ड में उच्च जोखिम होता है, लेकिन संभावित रिटर्न भी अधिक हो सकता है।
वृद्धि की संभावना:
मिडकैप फण्ड: मिड-साइज कंपनियाँ स्थिर होती हैं और उनकी वृद्धि की संभावना भी अच्छी होती है।
स्मॉल कॅप फण्ड: छोटी कंपनियाँ तेजी से बढ़ सकती हैं, लेकिन उनमें अस्थिरता भी अधिक होती है।
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