Google कंपनी के CEO सुंदर पिचाई का नाम तो आपने सुना ही होगा। लेकिन सुंदर पिचाई गूगल के सीईओ कैसे बन गए? जब से गूगल कंपनी के सीईओ बने हैं तभी से इस कंपनी का रेवेन्यू तेजी के साथ बढ़ रहा है।
सुंदर पिचाई को Google कंपनी का CEO बनाया गया था। तब google का टोटल रेवेन्यू 74 बिलियन डॉलर था। 2023 में इसका टोटल रेवइन्यू 350 बिलियन डॉलर है।आखिर सुंदर पिचाई जिसने की इस कंपनी को बहुत ही प्रॉफिट में ले गए लेकिन उनको ही इस कंपनी से निकालने की बात चल रही है और कौन इनको सीईओ के पद से हटा रहा है?
तो दोस्तों, साल 2004 में इनका सफर शुरू होता है। सुंदर पिचाई उस समय कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट थे और वहाँ के पोस्ट प्रॉडक्ट मैनेजर थे। Google कंपनी में दो co- founder थे, एक का नाम लैरी पेज था और दूसरे का नाम सरगी ब्रेन था। सुन्दर पिचाई ने इन दोनों को क्रोम (Google Chrome) का आईडिया दिया था और इन दोनों ने क्रोम को डेवलॅप किया था।
2008 में गूगल क्रोम काफी तेजी से बढ़ रहा था। वह दूसरे ब्राउज़र से जैसे फायरफॉक्स,इंटरनेट एक्स्प्लोरर जो कि पहले नंबर वन पर थे लेकिन गूगल क्रोम के आने पर इनका यूज़ कम होने लगा और कुछ समय बाद Google chrome नंबर वन ब्राउज़र बन चुका था। उस समय में गूगल के CEO Eric Schmidt थे। लैरी और सरगी हमेशा भविष्य के बारे में सोचते थे और उन्होंने पूरा करने के लिए कई प्रोजेक्ट भी तैयार किए थे। लेकिन कोई इन्वेस्टर इसमें इन्वेस्ट नहीं करना चाहता था।
Google को सबसे बड़ी सफलता 1 अप्रैल 2004 को हुई थी जिस समय गूगल जीमेल को लॉन्च किया था। और ये दोनों Co- Founder यूट्यूब और Android को खरीदने की बात कर रहे थे।
लेकिन ये सब Eric Schmidt को पसंद नहीं थी। कंपनी पूरी तरह से प्रॉफिट में थी। तब सुंदर पिचाई ने दोनों co- founder को गूगल क्रोम के बारे में बताया। ।सुंदर पिचाई ने 1 दिन Co- Founder को बुलाकर उन्हें अपने प्लान के बारे में बताया और इस बात को एरिक को पता नहीं था। सुंदर की मदद से उन Co- Founders ने Google Chrome को लॉन्च कर दिया। Chrome के अंदर बहुत सी फैसिलिटीज थी जो दूसरे सर्च इंजन के पास नहीं थी।
गूगल क्रोम स्टार्ट होने के बाद इसमें गूगल मैप, गूगल डॉक्यूमेंट और सीट्स को भी जोड़ दिया गया। लेकिन Eric इन सभी प्रोजेक्ट को इग्नोर कर रहा था। क्रोम ने दूसरी कंपनियों के बीच में एक अच्छा-खासा मार्केट प्लेस बना लिया था। धीरे धीरे मार्केट में क्रोम सबसे आगे निकल गया था।
2009 में फाइर फास्ट का मार्केट शेयर 31.56% था और इंटरनेट एक्स्प्लोरर का 55% था और वहीं पर क्रोम का 5% था। और बात करें आज की तो क्रोम का मार्किट शेयर 63% पर है और इंटरनेट एक्स्प्लोरर 8% पर रहे। फायरफॉक्स 5% पर है। लैरी और सरगी ने ऐसे ही कई प्रोग्राम स्टार्ट किए। कुछ प्रोग्राम ऐसे थे जो कि एरिक को बिल्कुल भी पसंद नहीं थे। एरिक ने इन सभी प्रोग्राम को लॉन्च न होने के लिए प्रोटेस्ट किया। इसलिए सीईओ के पोस्ट से एरिक को रिजाइन करना पड़ा।
अब इस कंपनी पर पूरा कंट्रोल दोनों Co-Founders का था। अगस्त 2015 को सुंदर पिचाई को गूगल का CEO बना दिया गया और सारे रीसोर्सेस अब सुन्दर के हाथ में आ चुकी थी। सुन्दर पिचाई की इस कंपनी में आने पर इसका रेवइन्यू चार गुना बढ़ गया और इसका नेट इनकम पांच गुना बढ़ गया। लेकिन अब सुन्दर पिचाई का बुरा काल शुरू हो चुका था। नवम्बर 2022 को Open AI द्वारा Chat gpt लॉन्च किया गया और इसी की तरह सुन्दर पिचाई ने भी चार महीने बाद मार्च में Google Bard लॉन्च किया और बाद में इसका नेम चेंज करके Gemini रख दिया गया।
Gemini के आने के बाद यह कंपनी लॉस में जाने लगी। अगर कोई फोटो क्रिएट करने के लिए कहा जाता था, वह ब्लैक स्किन मैन की इन फोटो बनाकर भेजता था, जिसके कारण से टेक्स्ट टू इमेज वाला भी प्रोग्राम को कैंसिल करना पड़ा।
जिमनी से एक बार पूछा गया था प्राइम मिनिस्टर कौन है तो वो भी गलत बताया था। इसलिए सभी इन्वेस्टर मिल करके सुंदर पिचाई को सीईओ के पद से रिजाइन करने के लिए कह रहे हैं। लेकिन इस कंपनी का अगला सीईओ कौन होगा?
तो ये थी कहानी सुंदर पिचाई क्यों निकाले जाने वाले हैं?