चाहे छोटा start-up हो, चाहे बड़ा कारपोरेट अगर बिजनेस की शुरुआत करने की सोचता है तो उसको एक्सपैंड करने की सोचता है,
उसको चाहिए एम्प्लोई बैठाने के लिए जगह पहले भाईसाब पूरे शहर में घूम घूम के अच्छी जगह ढूंढो जगह पसंद आ गई तो प्रॉपर्टी वाले से बार बार नेगोशिएट करो, फिर उसका पजेशन लो कागजी कारवाई करो लीगल फॉर्मेलिटी करो उसके बाद उसके इंटीर पे काम करो
बस इन्ही सब समस्याओ को पूरा करने के लिए उमेश साह जी ने अपने को-फाउंडर अभिषेक जी के साथ मिल के 2012 में पुणे में कंपनी की शुरुआत की EFC Limited enterpreneur Facility center इनका बिजनेस मॉडल एकदम सिम्पल बोले भाई, साहब ऐसा है।
तुम जगह की टेंशन ले ही मत हम घूम घुमके प्रॉपर्टी सेलेक्ट करेंगे लैंड लॉट से डील हम करेंगे, कागजी कारवाई हम करेंगे, इंटीरियर का काम हम करके देंगे, तुमको टेबल कुर्सी, फर्नीचर, कैबिन, कॉन्फ्रेंस, ऑल हम बना के देंगे, तो तुम्हारा न तो जगह लेने का कोई चैलेंज है, न जगे को मेंटेन करने का कोई चैलेंज है तुम्ह बस आओ और अपना काम करो अपने start-up पर ध्यान दो|
ऐसा करके आज उमेश साह और को-फाउंडर अभिषेक ने आज 2000 करोड़ की EFC नाम की कंपनी कड़ी कर दी| और जो आज start-up शुरू हो रहे है उनके लिए कॉमन प्रॉब्लम थी उसको ख़त्म कर दिया है|