किस कारण की वजह से रिलायंस ने आम की बाग लगाई और आज रिलायंस इंडिया का सबसे बड़ा आम का एक्सपोर्टर है।
देखिए इसकी कहानी शुरू हुई साल 1997 में उस टाइम रिलायंस के जामनगर प्लांट से बहुत बड़ी मात्रा में प्रदूषण हो रहा था और इसीलिए उन्हें साल 1997 में प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की तरफ से एक नोटिस आई।
जिसकी वजह से कंपनी में चर्चा हो रही थी कि प्रदूषण को कैसे कण्ट्रोल करे तभी किसी ने बताया की आम का पेड़ अगर हम खाली जगह पर लगाते हैं तो उसे प्रदूषण कंट्रोल करने में मदद होगी।
अब उस रिफाइनरी के बाजू में रिलायंस के पास 600 एकड़ की जगह थी। जिस पर इन्होंने 200 अलग अलग प्रजाति के करीब 1 लाख 30 हजार पेड़ लगा दिए। अब इसमें कुछ भारतीय प्रजाति थी तो कुछ बाहर की थी जैसे फ़्लोरिडा की या फिर इजराइल की।
अब इतने बड़े एरिया में अगर आपने आम के पेड़ लगाए हैं तो उसका प्रोडक्शन भी कुछ वैसा ही आएगा तो ये जो यहाँ से निकले हुए आम हैं। भारत में तो बेचते ही हैं, साथ ही भारत के बाहर भी बेचते हैं और इसी चीज़ के चलते रिलायंस बन गई है भारत की सबसे बड़ी आम के एक्सपोर्टर।
अब इस चीज़ से उन्हें दो फायदे मिले। प्रदूषण तो कंट्रोल हुआ ही हुआ, साथ ही अलग से रेवइन्यू भी मिलने लगा और इन सारी चीजों की शुरुआत हुई प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की उस नोटिस से।
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