आई पी एल की टीम को बनाने में हजारों करोड़ रुपए लगते हैं और IPL ट्रॉफी को जीतने में सिर्फ ₹20,00,00,000 मिलते हैं, तो या सवाल आता है की यह प्रॉफिटेबल कैसे हुआ?
अगर तुम लोगों को ग्राउंड रियलिटी बताऊँ तो इनको हकीकत में फरक तक नहीं पड़ता कि ये लोग IPL जीत रहे हैं या फिर हार रहे हैं क्योंकि किसी भी टीम का मेन इन्कम का सोर्स है अड्वर्टाइज़्मन्ट
ग्राउंड हो या फिर कपड़े, आपको उसके ऊपर जो भी Ads दिखती है उसके लिए कंपनियों ने पे किया होता है। और साथ ही टीम को स्ट्रीमिंग राइट और टिकट सेलिंग से भी काफी बड़ा कमिशन मिलता है।
ये इकलौता ऐसा गेम है जीसको जीतने के लिए कोई इंट्रेस्टेड नहीं है। सभी चाहते हैं बस वो फाइनल तक पहुँच जाए।
उसकी वजह से उन लोगों को दो एक्स्ट्रा मैच खेलने को मिलेंगे जिसकी टिकट बेच के और अपने कपड़ों के ऊपर ऐड लगाके उस विनिंग अमाउंट से चार गुना ज्यादा तक कमा सकते हैं।
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