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लाहौरी जीरा की सफलता की कहानी | सुनने में पाकिस्तानी ब्रांड लगता है पर ऐसा है नहीं | Lahori Zeera 250 करोड़ का ब्रांड बन गया ?

क्या लाहोरी जीरा एक भारतीय ब्रांड है? लाहोरी जीरा का मालिक कौन है? लाहौरी जीरा की शुरुआत कैसे हुए ? Lahori zeera whole sale price

लाहौरी जीरा दोस्तों आपने ये ड्रिंक अपने पास की दुकान पे रखी जरूर देखी होगी, शायद आपने इसे ट्राई भी करा होगा। साथ ही ये भी बताएँगे की कैसे तीन दोस्तों ने मिलकर एक 250 करोड़ की ब्रांड बना दी?

वो भी उस मार्केट में जब पेप्सी और कोका कोला  सालों से राज़ करते आये हैं। कैसे लाहौरी जीरा की शुरुआत हुई, क्या क्या दिक्कतों का सामना करना पड़ा, कैसे उन्होंने अपना प्रॉडक्ट मार्केट में उतारा, अपनी मार्केटिंग कैसे करी और आज लाहौरी जीरा कितना रेवइन्यू कमा रही हैं, ये सब जायेंगे।

लाहौरी जीरा की शुरुआत-

निखिल डोडा, सौरभ मुंजल और सौरभ बुटना तीन दोस्त ने खुद का स्टार्ट अप करने की  सोच रहे होते कि आखिर क्या करा जाए? तभी इन लोगों ने इंडियन बेवरेज मार्केट( कोल्डड्रिंक  मार्किट) में गैप देखा।

इंडिया में पेप्सी और कोक जो कि अमेरिका की कंपनियां वो सालों से कोल्डड्रिंक मार्केट में राज करती आई है। इंडिया में पूरे नेशनल लेवल पे ऐसी कोई एस्टब्लिशड कंपनी नहीं है जो ऑथेंटिक इंडियन ट्रेडिशनल ड्रिंक बेच रही हो।

जबकि दूसरी कंट्रीज़ की बात करें जैसे जापान और यूरोप की वहाँ पे पेप्सी और कोका कोला  तो है पर वहाँ पे ज्यादा सेल उनकी ट्रेडिशनल ड्रिंक्स की होती है। तो यही से तीनो दोस्तों ने डिसैड कर लिया की अगर कुछ करना है तो बेवरेज सेक्टर में ही करना है जिसे ग्रेवीयार्ड ऑफ़ ब्रांड्स कहा जाता है जो की कई बड़ी बड़ी कंपनीस के काफी प्रॉडक्ट इसमें फैल हो चूके है।

तो निखिल डोडा जोकि अपने घर पे अपने फैम्ली मेंबर्स के साथ उन्होंने एक ड्रिंक बनाई जिसके इंग्रेडिएंट थे काला नमक, जीरा और नींबू। जीसको पंजाब साइड लोग घर पे बना के काफी पीते हैं। उन्होंने ये ड्रिंक बनाकर अपने दोस्तों को पिलाई और पूछा क्या हम इसे मार्केट में ला सकते हैं? ड्रिंक की टेस्टिंग और रिस्पांस लेने के बाद फाइनली  डिसाइड हुआ कि हम ये ड्रिंक बना रहे हैं। अब प्रॉडक्ट तो बन चुका था।

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लाहोरी जीरा का नामकारण –

पर सवाल ये था की अब उसे किस नाम से मार्केट में लाये ?  फिर उन लोगो ने लाहोरी नाम डिसाइड किया क्युकी  लाहोरी। इस ड्रिंक का एक मेन इंग्रेडिएंट है काला नमक, जिसे लाहौरी नमक भी बोला जाता है। साथ ही लाहौरी छोटा नाम था और लोग इसे आसानी से याद कर सकते है। साथ ही आपको पता है की लाहौर पहले इंडिया का पार्ट था जो पार्टिशन के बाद पाकिस्तान में चला गया।

ड्रिंक का नाम लाहौरी रखने से ये भी फायदा हुआ की लोगों को लगता है की ये ड्रिंक लाहौर से बिलौंग करती है और उन्हें ये एक बार ट्राई करनी चाहिए तो ऐसे इस ड्रिंक का नाम पड़ा लाहोरी जीरा तो ड्रिंक तो बन गई थी, उसकी ब्रांडिंग और लेबलिंग भी हो गई थी। पर अब चैलेंज था उस ड्रिंक को मार्केट में उतारना।

कार्बोनेटेड बेवरेज ड्रिंक ये एक ऐसी चीज़ है जो लोग ऑफलाइन मार्केट से ही परचेस करते हैं। लोगों को जब प्यास लगती है तो वो शॉपकीपर के पास जाते हैं। देखते हैं क्या क्या ऑप्शन अवेलेबल है उसमें से खरीदते हैं और ऐड टाइम कॅस्यूम कर लेते हैं

Lahori Zeera की सेल्स मार्केटिंग ( Sales Marketing )-

अपनी सेल्स बढ़ाने के लिए लाहौरी जीरा  को ऑफलाइन मार्केट में पेनिट्रेट करना था जिसके लिए उन्होंने ट्रेडिशनल डिस्ट्रीब्यूशन चैनल चुना, जहाँ पर

प्रोडूसर से सामान जाते हैं। डिस्ट्रीब्यूटर को डिस्ट्रीब्यूटर से रिटेलर को और रिटेलर से कस्टमर को पर एक प्रॉब्लम थी कि लाहौरी जीरा एक नई ब्रांडी थी, ऐसे में डिस्ट्रीब्यूटर इनके प्रोडक्ट्स नहीं खरीदते क्योंकि मार्केट में ये कंपनी और ये प्रॉडक्ट बिल्कुल नया है। अगर कोको कोला, पेप्सी या फिर पार्ले एग्रो, ये कोई अपना नया प्रॉडक्ट इंट्रोड्यूस करती तो डिस्ट्रीब्यूटर शायद उन्हें खरीद लेते और रिटेलर को कन्विंस कर लेते। इन्हें बेचने के लिए

पर लाहौरी जीरा के केस में ऐसा नहीं होता। अगर कुछ डिस्ट्रीब्यूटर को कन्विंस भी कर लेते, उन्हें अपना सामान क्रेडिट पर देना पड़ता, जिससे  की लाहौरी जीरा का कैस फ्लो बिगड़ जाता

जिससे उन्हें और पैसों की  जरूरत पड़ती तो इसका सलूशन लाहोरी ने निकाला। डायरेक्ट रिटेलर को एप्रोच कर के लाहौरी जीरा ने अपने प्रोडक्ट्स चंडीगढ़ में रिटेलर्स को टेस्ट कराए। रिटेलर्स को पर्सनली वो प्रॉडक्ट अच्छा लगा जिससे की वो लाहौरी जीरा बेचने के लिए तैयार होंगे, क्योंकि अगर लोग लाहौरी जीरा नही भी खरीदते तो शॉपकीपर उसे पर्सनल कॅस्यूम कर लेता क्योंकि उसे तो वो प्रॉडक्ट अच्छा ही लगा था।

तो ऐसे में लाहौरी जीरा के फाउंडर , चंडीगढ़ में 1000 रिटेलर्स को एप्रोच किया और सबको अपना प्रॉडक्ट बेचा। हर रिटेलर से लगभग 200 से 500 के बीच ओन कॅश सेल करी। वही डिस्ट्रीब्यूटर के केस में उन्हें अपनी ड्रिंक को 15-20 दिन के क्रेडिट पर देना पड़ता और रिटेलर भी लाहोरी जीरा को लोगों को बेच रहे थे क्योंकि लाहौरी जीरा रिटेलर्स को ज्यादा मार्जिन देता है। अगर मार्जिन्स की बात करे तो डिस्ट्रीब्यूटर का मार्जिन होता है 10-11 परसेंट

भाई रिटेलर्स का मार्जिन होता है 15-20 परसेंट। दूसरी ब्रांड्स की ड्रिंक्स में रिटेलर का मार्जिन कम होता है। लगभग 10-11 परसेंट बस इसलिए रिटेलर्स लाहौरी जीरा को दूसरी ड्रिंक से आगे रख रहे थे और पर्सनली लोगों को रेकमेंड कर रहे थे। उसे पीने के लिए

 डिस्ट्रीब्यूशन चैनल पे रिटेलर का रोल ( Distribution Channel Retailer Role )-

यहाँ पर इस डिस्ट्रीब्यूशन चैनल पे रिटेलर का रोल समझना काफी जरुरी है अगर रिटेलर किसी चीज़ की बुराइ कर देगा तो कस्टमर वो नहीं खरीदेगा और अगर रिटेलर किसी चीज़ की तारीफ कर देगा तो कस्टमर उसे खरीदेंगे और ऐसा ही लाहोरी जीरा के साथ हुआ। रिटेलर्स ने पर्सनली लोगों को कहा लाहौरी जीरा पीने के लिए, क्योंकि इसमें रिटेलर्स को ज्यादा मार्जिन मिल रहा था तो चंडीगढ़ में 1000 रिटेलर्स के थ्रू लाहोरी जीरा बिकना शुरू हुआ।

तो ऐसे में डिस्ट्रीब्यूटर तक भी ये खबर चल गई कि मार्केट में लाहौरी जीरा नाम की ड्रिंक काफी बिक रही है, जिससे की इन फाउंडर के पास डिस्ट्रीब्यूटर्स के सामने से कॉल आए। सिर्फ चंडीगढ़ के डिस्ट्रीब्यूशन के लिए 15 से 20 डिस्ट्रीब्यूटर के कॉल आया।

अगर लाहौरी जीरा के फाउंडर डायरेक्ट डिस्ट्रीब्यूटर को एप्रोच करते तो उन्हें अलग अलग डिस्ट्रीब्यूटर के पास जाना पड़ता और उनमें से शायद ही कोई एक डिस्ट्रीब्यूटर हाँ करता तो इस तरह लाहोरी जिला मार्केट में उतरा। जब ये प्रॉडक्ट चंडीगढ़ में फेमस हो गया तो आसपास के डिस्ट्रिक्ट के डिस्ट्रीब्यूटर का भी इनके पास फ़ोन  आने लगा।

और ऐसे करके लाहौरी जीरा अपना एरिया बढ़ाता गया। फिर जब पंजाब साइड ये प्रॉडक्ट खूब बिक रहा था तो दिल्ली के डिस्ट्रीब्यूटर्स ने भी इसकी डिमांड करी और ये प्रॉडक्ट फिर दिल्ली में इंट्रोड्यूस किया। जब ये प्रॉडक्ट दिल्ली में फेमस हुआ तो आसपास के NCR  एरिया में भी ये फेमस हो गया और ऐसे एक-एक करके Lahori Zeera ने पूरा नॉर्थ इंडिया कैप्चर कर लिया है।

जब दूसरी कंपनी जैसे पेप्सी, कोका कोला, पार्ले एग्रो इनके प्रोडक्ट्स डिस्ट्रीब्यूटर क्रेडिट पर उठाते हैं। यानी डिस्ट्रीब्यूटर आपसे सामान तो आज लेगा पर उसके पैसे 10-15 दिन बाद देगा। वही लाहोरी जीरा के केस में ये बिल्कुल उल्टा डिस्ट्रीब्यूटर आपको पैसे 10-12 दिन पहले अडवांस में ही दे देता है। ये एक अच्छी बात भी है की मार्केट में आपके प्रॉडक्ट की डिमांड है।

पर ये एक बुरा सिग्नल भी है की आप मार्केट की डिमाण्ड को टाइम पे फुलफिल नहीं कर पा रहे है, क्योंकि लाहौरी जीरा के पास अभी तक एक ही प्लांट था, जो की पंजाब में था|

जिसकी वजह से वो कम ड्रिंक्स प्रोड्यूस कर पाते थे। साथ ही ड्रिंक्स को दूसरे एरिया में पहुंचाने का खर्चा भी ज्यादा आता था। जिसको देखते हुए लाहौरी जीरा ने अपना दूसरा प्लांट सेटअप किया है। गुजरात में जैसे की डिमांड को फुलफिल किया जाए और ट्रांसपोर्टेशन का जो खर्चा है, उसे भी कम किया जाए। आज लाहौरी जीरा 1 दिन में 50 लाख  बोतल प्रोड्यूस कर पाता है और एक बोतल का जो कन्सम्पशन पीरियड है, वो एक से डेढ़ दिन का। यानी शॉपकीपर के पास। अगर आज सुबह लाहोरी जीरा की बॉटल आई तो वो रात तक या कल दोपहर तक बिक जाएगी।

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लाहोरी का रेवेन्यू (Lahori Brand Revenue)-

आज लाहौरी के पास लाहौरी जीरा को मिलाकर छे प्रोडक्ट्स हैं और सबके नाम के आगे लाहौरी लगता है, ताकि लोग उसे रेकॉग्नीज़ेंड कर पाए। रेवइन्यू की अगर बात करें तो लाहोरी जीरा 2018 से 2019 का रेवइन्यू था। 11,00,00,000 फिर अगले साल का रेवइन्यू था 20 करोड़  covid की वजह से फिर उससे अगले साल का रेवइन्यू था 80 करोड़ इस साल ये रेवइन्यू लगभग डबल तो हो ही जाएगा। तो दोस्तों ये थी लाहौरी जीरा की केस स्टडी उम्मीद है आपको पसंद आई होगी|

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Anoop Kumar
Anoop Kumarhttp://centric24.com
नमस्कार दोस्तो मेरा नाम अनूप कुमार है मैं Centric24.com का लेखक हूं|

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