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महादेव ऐप ( Mahadev batting aap) क्या है इससे सौरभ चंद्राकर ने लोगो के साथ कैसे स्कैम करता है

सौरभ चंद्राकर के जाल में बॉलीवुड वाले कैसे फास गए ?दोस्तों ये सौरभ एक टाइम पे जूस बेचा करता था। अब आप खुद सोचिये एक जूस बेचने वाले लड़के ने ye कैसे किया

महादेव के नाम पे आज तक आपने सिर्फ आशीर्वाद ही लिया होगा, लेकिन एक आदमी ऐसा भी है जिसने आशीर्वाद ही नहीं लिया बल्कि महादेव के नाम पर लोगों के करोड़ों रुपये लूट लिए और फिर दुबई चला गया और बड़े धूमधाम से अपनी शादी रचाई। उसने अपनी शादी में बॉलीवुड के बड़े बड़े सितारों को इनवाइट किया, जिसमें नेहा कक्कड़, सुखविंदर सिंह, नोरा फतेही जैसे टोटल 14 बॉलीवुड सेलिब्रिटी शामिल थे और इस शादी में टोटल ₹200 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे। अब तक आप में से कुछ लोग समझ गए होंगे में किसकी बात कर रहा हूँ लेकिन जो लोग नहीं समझे मैं बता देता हूँ। हम बात कर रहे है सौरभ चंद्राकर के बारे में  जिसने महादेव के नाम से एक ऐप्स बनाया और लोगों से 5000 करोड़ रुपये लूट लिए। 

सौरभ चंद्राकर के बारे-

वैसे दोस्तों ये सौरभ एक टाइम पे जूस बेचा करता था। अब आप खुद सोचिये एक जूस बेचने वाले लड़के ने कैसे किया होगा? तो चलिये बताते है – सौरभ को शुरुआत से ही नौकरी करने में कोई खास इंटरेस्ट था नहीं। वो हमेशा से अपना खुद का बिज़नेस करना चाहता था। इसीलिए वो जब भी किसी से मिलता था तो बस एक ही सवाल पूछता था की कोई अच्छा बिज़नेस हो तो बताओ जिसे मैं शुरू कर सकूँ। फिर कहीं से उसे पता चला कि जूस के बिज़नेस में काफी प्रॉफिट होता है

तो उसे जूस का बिज़नेस शुरू करने का प्लैन बनाया लेकिन दोस्तों से प्लान बनाने से बिज़नेस नहीं चलता। बिज़नेस के लिए पैसे की भी जरूरत पड़ती है और सौरभ के पास उतना पैसा नहीं था। इसलिए उसने अपने दोस्त रवि उत्पल की मदद ली और साल 2018 में छत्तीसगढ़ के भिलाई में अपना जूस का बिज़नेस शुरू कर दिया।

कुछ ही दिनों में उसका बिज़नेस काफी अच्छा चलने लगा और उसने सोचा की बिज़नेस को और एक्सपैंड किया जाये। फिर उससे भिलाई के नेहरू नगर में अपना एक बहुत बड़ा फूड ज़ोन ओपन किया और इसका नाम रखा जूस फैक्टरी चौपाटी अब जब पैसे हमारे पास आने लगते हैं तो कई प्रकार के लोगों से हमारी मुलाकात होने लगती है। उसमें से कुछ अच्छे भी होते है। कुछ बुरे भी होते हैं तो सौरभ के साथ भी कुछ ऐसे ही लोगों की मुलाकात हुई जिनकी संगत अच्छी नहीं थी।

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जो लोग सौरभ से मिले थे, उनमें से कुछ लोग जुआ खेलते थे, नशा करते थे और जब सौरभ भी ऐसे लोगों की संगत में उठने बैठने लगा तो उसे भी जुआ खेलने की आदत लग गई और आदत भी ऐसी लगी कि सौरभ कहीं भी जुआ खेल सकता था। चाहे वो लग्जरी होटल हो या फिर खेत खलियान ही क्यों ना हो। जब भी कोई उसे जुआ खेलने के लिए बुलाता था तो बिना सोचे समझे वहाँ पे पहुँच जाता था।

वो अक्सर तीन पट्टी गेम खेला करता था और इसी तीन पत्ती ने सौरभ को एक बिजनेसमैन से एक बहुत बड़ा जुआरी बना दिया। एक बार की बात है सौरभ जुए में इतने पैसे हार गया था की उसके घरवालों को आना पड़ा पैसे चुकाने के लिए। फिर भी सौरभ अपनी हरकतों से बाज नहीं आया और वो जुआ खेलता रहा।

सौरभ चंद्राकर ने महादेव ऐप की शुरआत कैसे की-

एक दिन सौरभ ने अपने मोबाइल पर एक ऐड देखा जो कि ऑनलाइन तीन पत्ती गेम का था और इस ऐड में उसको बहुत ज्यादा प्रभावित किया। पैसे तो आपने भी कई बार अपने मोबाइल पे और टीवी पे बड़े बड़े फ़िल्म स्टार्स को तीन पट्टी और रमी जैसे गेम को प्रोमोट करते हुए देखा होगा, जिसमें वो कहते हैं कि गेम खेलो, लाखों कमाओ।

अब अगर सौरभ की बात करें तो ऑनलाइन गेम्स में उसका लक काफी अच्छा था। उसमें बहुत सारे पैसे भी जीते और पैसे को देखकर सौरभ का लालच और बढ़ने लगा। फिर उसने सोचा क्यों ना मैं अपनी खुद की ऐप लॉन्च करें? जब मैं खेल कर इतना कमा सकता हूँ तो खिलवाकर तो और भी ज्यादा कमा पाऊंगा।

फिर सौरभ ने ये आइडिया अपने बिज़नेस पार्टनर रवि के साथ शेयर किया। उसने भी इस ऐप को बनाने के लिए हाँ बोल दिया। वैसे दोस्तों को ना बोलता भी कैसे? क्योंकि वो भी तो एक बहुत ही बड़ा जुआरी था। फिर साल 2019 में उनकी ऐप बनकर तैयार हो गई और उस ऐप का नाम रखा गया Mahadev Book। तो उससे ये ऐप तो बन गई लेकिन इस ऐप पर खेलने वाले लोग चाहिए थे।

अपनी ऐप पर यूज़र्स लाने के लिए सौरभ ने सबसे पहले उन्हें कॉन्टैक्ट किया जिनके साथ बैठ के वो जुआ खेला करता था क्योंकि दोस्तों को जानता था कि जिनके साथ वो जुआ खेलता था, उनको भी जुआ खेलने की आदत है तो फिज़िकली जुआ खेलने से। अच्छा तो ये होगा घर बैठे बैठे मेरी ऐप पे जुआ खेलेंगे। सौरभ की ये स्ट्रैटिजी काम कर गई और बहुत से ऐसे लोग जो बाहर बैठकर खेलते थे? अब वो महादेव ऐप पे जुआ खेलने लग गए। कुछ ही दिनों में महादेव ऐप पे अच्छे खासे यूज़र्स ऐक्टिव रहने लग गए।

सौरभ ने अपनी ऐप पर जुआ खेलकर पहली बार नहीं ₹48,000 जीत लिए थे। दोस्तों आपको क्या लगता है? सौरभ ने अड़तालीस हजार अपने जुआ खेलने के स्किल से जीते थे तो उत्तर है नहीं  मामला कुछ और ही था। आइए समझने की कोशिश करते हैं।

सौरभ चंद्राकर महादेव ऐप पर लोगो को लालच कैसे देता था

देखिये उसकी ऐप जो थी उसको सौरभ और उसके लोग ही ऑपरेट किया करते थे तो जब भी महादेव ऐप पर कोई यूजर गेम खेलने आता था तो सबसे पहले उस यूजर को जानबूझकर जितवाते थे और दो तीन बार यूजर जीत जाने के बाद में उसका कॉन्फिडेंस बढ़ जाता और वो लालच में आकर बड़ा अमाउंट लगा देता तो ये लोग उसे हरा देते हैं, उसका पूरा अकाउंट खाली कर देते है या उसका अकाउंट बैन कर देते है।

अब तो जुआ खेलने वाला है। इनके फ्रॉड का शिकार होने के बाद भी पुलिस के पास नहीं जा सकता था, क्योंकि जुआ खेल के वो खुद भी तो एक बहुत बड़ा क्राइम ही कर रहा था तो किस मुँह से वो पुलिस के पास जाकर मदद मांगता? वैसे दोस्तों इस टॉपिक पर रिसर्च करते वक्त मुझे पता चला कि इन लोगों ने 13,000 लोगों को हायर किया था। आपने ऐप की आइडी डिस्ट्रीब्यूट करने के लिए और ये जो 13,000 लोग थे ये देश के बड़े बड़े शहरों में जाकर महादेव ऐप की  Id बांटा करते थे। दोस्तों, इस ऐप की आइ डी हर उस इंसान तक पहुँच चुकी थी जो लोग जुआ खेलते थे या फिर खिलवाते थे। बांटने के बाद में सौरभ की कमाई और ज्यादा बढ़ने लग गयी तो फिर उसने अपने बिज़नेस को और एक्सपैंड करने का सोचा।

सौरभ चंद्राकर ने महादेव ऐप को एक्सपैंड कैसे किया-

सौरभ चंद्राकर महादेव ऐप की आईडी के साथ साथ पैनल भी बांटना शुरू कर दिया। अब पैनल क्यों बांटे? आइये ये भी समझते हैं दोस्तों हर ऐप और वेबसाइट के पास यूजर को हैंडल करने की एक लिमिट होती है। अगर लिमिट से ज्यादा यूजर्स विजिट करने लगेंगे तो उसके क्रैश होने के चान्सेस बहुत ज्यादा हो जाते हैं। और इसीलिए सौरभ ने महादेव बुक ऐप के नाम से अलग अलग पैनल बनाकर बांटना शुरू किया।

जो लोग भी इनका ये पैनल चला रहे थे उन लोगों को 70 और 30 का प्रॉफिट रेश्यो दिया जाता था। यानी की पैनल द्वारा जो भी प्रॉफिट होगा, उसका 30% पैनल चलाने वाले को मिलेगा और 70% सौरभ को। अब जैसे की आपको पता ही होगा कि भारत में सट्टा खेलना पूरी तरीके से बैन हैं और ये बात सौरभ को भी अच्छे से पता थी

इसलिए उसने सोचा अगर भारत में रहकर बिज़नेस करेगा तो कभी ना कभी जरूर फंसेगा। इसे सौरभ और उसका पार्टनर अभी अपने आप को सेव करने के लिए दुबई चले गए और आज वो वहीं से अपना पूरा बिज़नेस ऑपरेट करते हैं। अब दोस्तों मैं आपसे जानना चाहूंगा आपको क्या लगता है? सौरभ अगर दुबई की जगह भारत में होता तो क्या अब तक पुलिस ने उसे अरेस्ट कर लिया होता? आप का जवाब कमेंट बॉक्स में लिख के जरूर बताएगा। वैसे दोस्तों इस केस में जब ईडी ने रेड करना शुरू किया तो उनको हर रेड में बहुत सारे मोबाइल्स, लैपटॉप्स, सिम कार्ड और कैश मिला और 2 सितंबर 2023 की रेट में पुलिस को ₹417 करोड़ का कैश मिला था।

हो सकता है शायद आप में से कुछ लोगों के मन में ये डाउट आ रहा होगा। जब ऑनलाइन गेम हैं तो कैश कहाँ से आ गया? क्योंकि ऑनलाइन गेम में तो सारे ट्रान्ज़ैक्शन अकाउंट टू अकाउंट होते हैं। देखिये जीतने भी फ्रॉड करने वाले लोग होते हैं। ये अपने ऐप या फिर वेबसाइट के ऊपर पेमेंट गेटवे इंटिग्रेट करवातें ही हैं

ताकि कोई उन तक पहुँच ही ना पाए। अब देखिये पेमेंट गेटवे इंटिग्रेट करेंगे तो जो पेमेंट गेटवे प्रोवाइड करने वाली कंपनी है उसको सारी डिटेल्स देनी पड़ेगी और अगर ये डिटेल्स दे देंगे तो आसानी से पकड़े जाएंगे। तो दोस्तों अब ये लोग क्या करते हैं और इनके पास पैसे कैसे पहुँच जाते हैं, वो समझते हैं।

महादेव ऐप वाले पेमेंट कैसे लेते है-

मान लीजिये दोस्तों आपको महादेव बुक पर गेम खेलना है तो सबसे पहले आपको पैसे डिपॉजिट करने होंगे और पैसे डिपॉजिट करने के लिए आपको एक वॉट्सऐप नंबर दिया जायेगा। उस पर आपको बताना होगा कि मुझे

कितना अमाउंट का रिचार्ज करना है। फिर आपको इनकी तरफ से एक यूपीआइडी दिया जाएगा और उस आइडी के ऊपर पैसे भेजने को कहा जाएगा। जब पेमेंट करके आप स्क्रीनशॉट शेयर कर देंगे तो आपके महादेव ऐप वाले अकाउंट में पैसे शो होने लग जाएंगे।

उसके बाद में आप गेम खेल पाएंगे। अब जिस को आप ने पैसे भेजे थे उसके बात  हम बाद में करेंगे लेकिन फिलहाल के लिए आप ये समझ लीजिये की आपने गेम खेला और आप पैसे जीत गए तो उसके बाद में अगर आपको पैसे विड्रॉ करना है तो फिर से उसी वॉट्सऐप नंबर के ऊपर आपको विड्रॉल का मैसेज करना होगा और बताना होगा कि मुझे इतना पैसा विदड्रॉ करना है। उसके बाद में किसी रेंडम पर्सन से आपके अकाउंट के अंदर पैसे आ जाएंगे।

अलग अलग अकाउंट नंबर और यूपीआई आईडी यूज़ करने से गवर्नमेंट इन ट्रांजैक्शन को ट्रैक नहीं कर पाती है। वो कैसे है? चलिए समझते हैं। देखिये आपने अपना महादेव का अकाउंट रिचार्ज करने के लिए जीसको पैसे भेजे थे, वो कोई आम आदमी होगा। उस को कहा गया होगा कि जो भी पैसा तेरे अकाउंट में आएगा उसमें से पांच या 10% रखकर बाकी का पैसा तो बैंक से ड्रॉ करके हमको दे देना।

फिर वो आदमी पैसा एटीएम से निकाल कर उनको दे देता है और फाइनली कैश के रूप में पैसा फ्रॉड करने वालों तक पहुँच जाता है। अब 200 अगर हम बात करे उस आदमी के बारे में जिसने आपको पैसे भेजे थे तो उसके साथ भी इन्होंने सेटिंग की होगी कि तुझे हम कैश देंगे और अपने अकाउंट से तुझे पैसा जहाँ भी भेजने के लिए बोला जायेगा।

वहाँ पे भेजना होगा, उसके बदले में तुझे 5-10 परसेंट कमिशन दिया जाएगा। अब ये जो ट्रांज़ेक्शन करवातें है वो इतने छोटे छोटे होते है की गवर्नमेंट उनके ऊपर नजर रखी ही नहीं पाती। इसके अलावा एक बार पैसा अकाउंट से कैश के रूप में विड्रॉअल हो गया। उसके बाद में उसे ट्रैक कर पाना  इम्पॉसिबल होता है। फिर जितना भी कैश जमा होता है उसको हवाला के थ्रू जो फ्रॉड करने वाला मेन आदमी होता है, उस तक पहुंचा दिया जाता है।

 हवाला क्या है-

अब ये  हवाला क्या होता है चलिए इसके बारे में मैं आपको शोर्ट मैं बता देता हूँ। देखिये, हर देश में हवाला एजेंट होते हैं जो एक देश से दूसरे देश में पैसे को गलत तरीके से भेजने का काम करते हैं। अब मान लीजिए आपको ₹50,00,000 दुबई भेजना है। हवाला के थ्रू तो आप उस एजेंट के पास जाएंगे, ₹50,00,000 कैश देंगे और दुबई का एजेंट दुबई करन्सी में पैसे दे देगा, जिसके लिए पैसे देने के लिए कहा जाएगा। और मैं आपको बता दू ये काम फ्री ऑफ कॉस्ट में नहीं होता है।

इसके लिए हवाला एजेंट कुछ परसेंटेज चार्ज करते है। अब वो सौरव के पास भी ऐसे ही हवाला के थ्रू पैसे पहुँच जाते होंगे और वो दुबई में बैठकर इन सब पैसों को मैनेज करता होगा।

दोस्तों  इतना पैसा देकर सौरभ का लालच और ज्यादा बढ़ने लगा तो उसने सोचा क्यों ना इस ऐप को और बड़े लेवल पे ले जाया जाए। इसलिए उसने बड़े बड़े फ़िल्म स्टार्स हैं। महादेव ऐप का प्रमोशन करवाया। अब तो उसे यहाँ पे मुझे एक चीज़ नहीं समझ में आती है जो इतने बड़े बड़े फ़िल्म स्टार्स हैं।

वैसे आपका प्रमोशन कर रहे हैं क्या? इनको इतना नहीं समझ में आता है की इनकी फैन फॉलोइंग में बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक सब शामिल होते हैं और फैन्स अपने स्टार्स के द्वारा कई बातों को काफी हद तक सीरियसली लेते भी हैं। खैर, ये जो बड़े बड़े सेलिब्रिटीज़ इस ऐप का प्रमोशन करने लगे तो इनका ये ऐप और ज्यादा लोगों तक पहुंचने लगा और इनकी कमाई और भी ज्यादा बढ़ गई।

आपको जानकर हैरानी होगी कि इस ऐप का टर्नओवर बताया जा रहा है 5000 करोड़ रुपये का।

सौरभ चंद्राकर की शादी-

अगर बात करे सौरभ चंद्राकर की शादी के बारे में जिसकी विडीओ शायद आप में से काफी सारे लोगों ने देखी भी होगी। जिसमें बहुत से बॉलीवुड सेलिब्रिटीज़, पॉलिटिशियन और पुलिस ऑफिसर शरीक हुए थे। वैसे सेलिब्रिटीज़ की बात करें तो कहा जाता है कि इनकी शादी के अंदर आतिफ असलम, राहत फतेह अली खान, अली असगर, विशाल ददलानी, टाइगर श्रॉफ, नेहा कक्कड़, अली अब्राहम, भारती सिंह, सनी लियोन, भाग्यश्री पुलकित, कीर्ति खरबंदा, नुशरत भरुचा, कृष्णा अभिषेक सब लोग शामिल हुए थे। दोस्तों इन सभी सेलिब्रिटीज़ को अपनी शादी में परफॉर्म करवाने के लिए और वेडिंग का ग्राउंड अरएन्जमेंट करने के लिए महादेव ऐप के प्रोमोटर ने R-ONE नाम की। मुंबई बेस्ट मैनेजमेंट कंपनी को हायर किया था।

इस इवेंट मैनेजमेंट कंपनी को ये सब कुछ अरएन्ज करने के लिए ₹112 करोड़ दिए गए थे और इस पेमेंट का भुगतान भी हवाला के थ्रू ही किया गया था। अब हवाला क्या होता है ये तो मैं आपको पहले ही बता चुका हूँ। इसके अलावा इस कैंप से जुड़े सभी मेन फैक्टर्स को हमने डिस्कस कर लिया है। बाकी सौरव के पकड़े जाने के बाद मैं शायद और भी कुछ नया हमारे सामने आयें। वैसे आपका क्या कहना हैं  कमेंट करके जरूर बताईएगा |

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Anoop Kumar
Anoop Kumarhttp://centric24.com
नमस्कार दोस्तो मेरा नाम अनूप कुमार है मैं Centric24.com का लेखक हूं|

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