सुधा मूर्ति के ₹10,000 की वजह से Infosys 100 बिलियन डॉलर की कंपनी बन गई है। हमारे कर्नाटक की सुधा मूर्ति बचपन से ही पढ़ाई में बहुत अच्छी थी लेकिन जब इन्होंने अपना कॉलेज शुरू किया तब इनकी प्रॉब्लम भी शुरू हो गई। कॉलेज में सुधा मूर्ति इंजीनियरिंग कर रही थी, लेकिन आज 600 स्टूडेंट्स में इंजीनियरिंग करने वाली ये अकेली लड़की थी। सभी लड़के इनसे कहते थे की एक लड़की किचन में ही अच्छी लगती है,
लेकिन फिर भी इन्होंने किसी की बात नहीं सुनी। 1974 में इन्होंने जीआरडी टाटा को एक लेटर भी लिख दिया क्योंकि इन्होंने टाटा मोटर्स का एक जॉब ऑफर देखा, जिसमें लड़कियां अप्लाई नहीं कर सकती थी। इसके बाद टाटा ने अपनी पॉलिसी ही बदल दी और सुधा मूर्ति टाटा मोटर्स की पहली महिला एम्प्लोयी भी बनी।
सुधा मूर्ति जोकि नारयण मूर्ति की पत्नी है इन्होने Infosys शुरू करने के लिए भी इन्होंने नारायण मूर्ति को अपनी सेविंग्स से ₹10,000 रुपए दिए थे और इसी की मदद से आज इंफोसिस 100 बिलियन डॉलर्स की कंपनी है। सुधा मूर्ति आज इंफोसिस फाउंडेशन की चेयरपर्सन भी है और इनके कॉन्ट्रिब्यूशन के लिए इन्हें पद्मश्री और पद्मभूषण अवार्ड भी मिला है।