रेस्टोरेंट्स जान बूझकर अपनी सीट्स को अनकम्फर्टेबले बनाते हैं। फास्ट फुड रेस्टोरेंट्स जनरलली काफी कम प्राइस में फुड बेचते हैं। उनका बिज़नेस मॉडल होता है। काफी कम प्रॉफिट मार्जिन में ज्यादा से ज्यादा सेल्स करना और ज्यादा सेल्स करने के लिए है। टेबल टर्न ओवर जरूरी है।
जनरली रेस्टोरेंट्स चाहते हैं कि कस्टूमर को जल्द से जल्द खाने को सर्व करके उनकी टेबल को अगले कस्टमर के लिए फ्री कर सके ताकि कम टाइम पे ज्यादा से ज्यादा सेल्स हो सके।
रेस्टोरेंट्स, जनरली स्टूल, बेंच और छोटी टेबल्स रखते हैं ताकि ज्यादा देर तक बैठना अनकम्फ़र्टेबल हो और कस्टमर जल्द ही टेबल को फ्री कर दे। कुछ रेस्टोरेंट्स तो इसी स्ट्रेटेजी को नेक्स्ट लेवल पे ले जाकर स्टैंडिंग टेबल भी यूज़ करते हैं। जो अनकम्फ़र्टेबल सीटिंग है, वो कम्फर्टेबल सीटिंग के कंपॅरिज़न में काफी कम जगह लेती है, जिससे रेस्टोरेंट की सीटिंग कैपेसिटी बढ़ जाती है और एक बार में ज्यादा कस्टमर्स रेस्टोरेंट में आ जा सकते है।
हालांकि, अनकम्फ़र्टेबल सीटिंग ग्राहक अनुभव को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकती है, जिससे कुछ ग्राहक वापस नहीं आ सकते हैं। लेकिन अगर आपके रेस्टोरेंट का खाना अच्छा है तो लोग जरूर वापस आएंगे|