क्या भारत के नायाब रत्न रतन टाटा जी को भारत रत्न नहीं मिलना चाहिए? क्योंकि इस बार तो उन्होंने 115 कर्मचारियों की नौकरी तक बचा ली। दरअसल हुआ कुछ यूं की टाटा इन्स्टिट्यूट ऑफ़ सोशल साइंस ने अपने 115 कर्मचारियों को टर्मिनेट कर दिया था। इसमें 55 फैकल्टी मेंबर्स और 60 नॉन टीचिंग स्टाफ शामिल था। 28 जून को उन्हें नोटिस थमाकर बताया गया कि 30 जून 2024 के बाद उनका कांट्रॅक्ट खत्म किया जा रहा है।
लेकिन रतन टाटा जी की अगुवाई वाले टाटा एजुकेशन ट्रस्ट ने इन्स्टिट्यूट को इनकी सैलरी के लिए पैसा देने का भरोसा दिया। इसके बाद संस्थान ने कर्मचारियों का टर्मिनेशन वापस ले लिया था। इस रतन टाटा एक ऐसी शख्सियत है जिन्हें शायद ही कोई नापसंद करता होगा और इसी वजह से साल 2022 की शुरुआत में उन्हें भारत रत्न देने की मांग को लेकर ट्विटर पर #भारत रत्न को रतन टाटा के साथ एक अभियान भी चलाया गया था।
आपको क्या लगता है की क्या इस बार भारत सरकार को रतन टाटा जी को भारत रत्न देना चाहिए? कमेंट सेक्शन में जरूर लिखेगा।
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