जहाँ एक तरफ दुनिया की बड़ी बड़ी इकॉनमी और बड़े बड़े सेंट्रल बैंक को महंगाई को मैनेज करने में तकलीफ महसूस हो रही है, वहीं पे भारत का जो सेंट्रल बैंक है RBI उसके द्वारा इन सभी बैंक और इकॉनमी को चौंका के रख दिया गया है। दो इम्पोर्टेन्ट कारण है
- पहला पिछले साल जो RBI के द्वारा सेंट्रल गवर्नमेंट को डिविडेंड फण्ड ट्रांसफर किया गया था, उसकी रकम थी 87,416 करोड़ इस बार कहा जा रहा है की ये वाला जो डिविडेंड है, ये बढ़कर के 1,00,000 करोड़ के आस पास पहुँच जाएगा।
2. दूसरा RBI का मेन काम प्रॉफिट कमाना नहीं बल्कि आर बी आई का मेन काम होता है। इंडियन इकॉनमी के लिए मॉनीटरिंग पॉलिसी को बनाना। हमारी जो इंडियन करेन्सी रूपए है, उसकी वैल्यू को प्रिसर्व करना और उसके लिए आर बी आई ही कदम
लेता है। अगर यहाँ पे प्रॉफिट या लॉस हो जाता है तो वो मुख्यता एक साइड इफेक्ट है। अगर आप देखे की प्रॉफिट ही हमें 3.4 लाख करोड़ का है आर बी आई की जो मॉनिटरी पॉलिसी और उसकी जो स्ट्रेटेजीस है, ये बहुत ही शानदार बनायीं गयी है।