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पतंजलि इंडिया की वन ऑफ द फास्टेस्ट ग्रोइंग FMCG कंपनी कैसे बन गयी? Baba Ramdev

पतंजलि इंडिया का वन ऑफ द फास्टेस्ट ग्रोइंग एफएमसीजी कंपनी बन चुका है जहाँ अमूल, डाबर यूनिलीवर जैसी कंपनी इसको कस्टमर ऐक्विजिशन और पॉपुलैरिटी हासिल करने के लिए सालों साल लग गए थे। वही पतंजलि ने स्टैब्लिशमेंट के सिर्फ 12 साल में ही 31,000 करोड़ से भी ज्यादा का ऐन्यूअल रेवेन्यू जेनरेट कर चुका है। वन पतंजलि ने आने वाले फाइव इयर्स में 1,00,000 करोड़ से भी ज्यादा का ऐन्युअल टॉवर का टारगेट रहता हैं। वेल हाइब्रिड पड़ी और आज के इस वीडियो में हम बात करने जा रहे हैं रियल रीज़न सबिहा इनके सक्सेस ऑफ इंडिया इस वन ऑफ एम सी कंपनी
2 साल उसके टूथपेस्ट के नाम पर लोग अपने सामानों पर अत्याचार कर रहे हैं। सरकार एक मिनरल ऑइल मिले, हेल्स को हटाये और 21 बेशकीमती जड़ी बूटियों से निर्मित पत्तों की साइंटिफिक आयुर्वेद की परंपरा है। वो रिसर्च के आधार पर
1965 में और या ना में योग गुरु रामदेव हेल्दी लाइफ स्टाइल के लिए योगासन आस का इम्पोर्टेन्स लोगों तक पहुंचा रहे थे। तभी 1995 में आचार्य बालकृष्ण के साथ मिलकर उन्होंने दिव्या फार्मेसी।
स्थापना स्वामी शंकरदेव के मार्गदर्शन पर की गई थी, जो खुद स्वामी रामदेव के विरुद्ध है। उस टाइम वर्दी व्यापार मेसी को सिर्फ करने के लिए भी बाबा रामदेव के पास पैसे नहीं थे। शुरुआती दिनों में आचार्य बालकृष्ण और बाबा रामदेव दोनों को बहुत ही ज्यादा मुश्किलों को फेस करना पड़ा, लेकिन फिर भी पहले तीन सालों तक और मेसी में फ्री दवाइयां दी जाती थी। पैसों की कमी के चलते बाबा रामदेव खुद ही ग्राइंडिंग और मिक्सिंग करते थे और रॉ मटीरीअल कलेक्ट करने में बी खुद ही लगे रहते थे। जल्द ही बाबा रामदेव और दिव्या भारती को पॉपुलरिटी मिलने लगा।
इस पॉप्युलैरिटी को देखते हुए आचार्य बालकृष्ण और बाबा रामदेव दोनों अपने बिज़नेस को बढ़ाने के लिए तैयार थे। लेकिन दिव्या फार्मेसी एक प्रश्न के रूप में रजिस्टर्ड था। आमतौर पर ये माना जाता है कि एक ट्रस्ट को आपने रिसोर्सेस सिर्फ अपने पर्पस के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है, जैसे की चैरिटीज़ या रिलिजियस ऐक्टिविटीज़। प्रेस को फार्मेसी के रूप में कर के बिज़नेस ऐक्टिविटीज़ में इन्वॉल्व होने से ट्रस्ट की मेन मोटिव की वायलेशन के रूप में देखा जा सकता था। इसी बीच उनके योगासन आज को लेकर बाबा रामदेव की पॉपुलैरिटी दिन ब दिन बढ़ रही थी। ना सिर्फ इंडिया में
ल्कि उनकी चर्चा फॉरेन कन्ट्रीज में रहने वाले एनआरआइ। इसमें भी जोरो सोरो से हो रही थी। उनकी कोशिशों को देखकर दिव्या फार्मेसी को अन्ना राइट से भी फंडिंग मिलने लगा। इसी फंड से 2006 में स्टार्ट हुआ इंडियाज़ आयुर्वेदिक ब्रैंड पतंजलि जैसे जैसे लोग मोर हेल्थ कॉन्शन्स हो रहे थे, पतंजलि ने एग्ज़ैक्ट टाइम इन पर मार्केट में नहीं लिया। तो इस वजह से इन 15 में जब मैगी को हार्मफुल इनग्रेडिएंट्स के लिए और तरफ से अटैक मिलने लगा था तब ही पतंजलि ने पतंजलि आटा नूडल्स को हेल्दी ऑप्शन के नाम पर लॉन्च किया। पतंजलि के पास बाबा रामदेव की वजह से
कस्टमर में एक प्रश्न फैक्टर बहुत ही ज्यादा था। एक ब्रैंड के पास अपने कॉम्पिटिटर से अलग होने के लिए कुछ डिस्टिक फैक्टर होना बहुत ही जरूरी है। पतंजलि के लिए ये था आयुर्वेद और स्वदेशी प्रॉडक्ट। पतंजलि की मेन ऐड्वर्टाइज़िंग रूल ही यही थी। हॉस्पिटल अंजलि सिर्फ आयुर्वेदिक प्रोडक्ट्स में ही लिमिटेड नहीं है।
पतंजलि स्टाइल इंडस्ट्री में भी एंट्री कर चुका है। पतंजलि की इतनी बड़ी ग्रोथ का मेन रीज़न दो हिस्सों में डिवाइड किया जा सकता है। पहला रीज़न है बाबा रामदेव पॉप्युलैरिटी ऐंड असोसिएशन रामदेव की अद्भुत पॉपुलैरिटी पतंजलि की सक्सेस में पहला बड़ा फैक्टर है। बाबा रामदेव को संस्कार और आस्था टीवी ने अपने योग एजुकेशन के लिए पॉपुलर बनाया और ये खुद बाबा रामदेव ने भी क्लेम किया है की पतंजलि की ग्रोथ में सिर्फ 3% ये साउंड गया है। बाकी सब क्रेडिट मीडिया को जाता है। बाबा रामदेव को खुद ही पतंजलि की मार्केटिंग करने के लिए
पतंजलि ने लोगों का ट्रस्ट जीता। बाबा रामदेव ने यह दिखाया कि पतंजलि के प्रोडक्ट्स आपको हेल्दी और फिट रहने में इसे हेल्पफुल है। दूसरा रीज़न है डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क। अगर आपने नोटिस किया था तो 2011 से पहले पतंजलि के प्रोडक्ट्स सिर्फ कुछ ही दुकानों में बिक रहे थे। लेकिन इस ट्रेडिशनल डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क में एक बहुत ही ज्यादा सीरियस प्रॉब्लम था। 2011 में पतंग मेरे को ये रियललाइज हुआ की ज्यादा पॉपुलैरिटी होने के बाद भी उनके प्रोडक्ट्स बड़े ऑडियंस तक पहुँच ही नहीं रहे थे। इसीलिए पतंजलि ने रीटेल डिस्ट्रिब्यूशन में शिफ्ट किया। इसने पतंजलि की अवेलेबिलिटी और मार्केट साइज को भी ग्रो किया।
जिसके कारण सिर्फ 1 साल बाद ही पतंजलि का रेवेन्यू एक से बढ़ चुका था। इसके अलावा रिलायंस रिटेल, फ्यूचर ग्रुप और दूसरी कंपनी के साथ मिलकर पतंजलि ने खुद का एक नेटवर्क बनाया। थैंक यू फॉर वॉच इन माइ नेम इस न्यू ईयर वॉचिंग के इनसाइड स्टोरी।

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Anoop Kumar
Anoop Kumarhttp://centric24.com
नमस्कार दोस्तो मेरा नाम अनूप कुमार है मैं Centric24.com का लेखक हूं|

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