ब्रिटानिया, टाइगर और मैरी गोल्ड बिस्कुट के ये निर्माता है और अब ब्रिटानिया अपने बिस्कुट बनाने वाली सबसे ऐतिहासिक फैक्ट्री को बंद करने का ऐलान कर दिया है।
कंपनी के इस कदम ने सियासी पारा भी चढ़ा दिया है। केंद्र में सत्तारूढ़, बीजेपी और बंगाल में सत्तासीन तृणमूल कांग्रेस आमने-सामने है।
तो आइये जानते है ब्रिटानिया ने तारातला फैक्ट्री को बंद करने का फैसला क्यों किया है और इस फैसले से बीजेपी और TMC के बीच सियासी घमासान क्यों मचा है।
सियासी घमासान ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज लिमिटेड कोलकाता स्थित अपनी ऐतिहासिक तारा ताला फैक्ट्री को बंद कर रही है। कंपनी ने बताया कि स्थाई कर्मचारियों ने VRS यानि स्वैक्षिक सेवा निवृत्ति योजना को स्वीकार कर लिया है।
तारातला फैक्ट्री ब्रिटानिया की सबसे पुरानी बिस्किट मनुफैक्टरिंग यूनिट में से एक है और पिछले 70 साल से काम कर रही थी।
एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कारखाने में पिछले 20 दिनों से कोई भी प्रोडक्शन का काम नहीं हुआ है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है की फैक्ट्री पुरानी होने की वजह से इसके उत्पादन अब आर्थिक रूप से वैल्युएबल नहीं रह गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है की 150 कर्मचारियों वाली इस फैक्ट्री के बंद होने से कंपनी या राज्य के राजस्व पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा।
न्यूज एजेंसी PTI के अनुसार ब्रिटानिया मैनेजमेंट ने ऐसे कर्मचारी जिनकी नौकरी के भी 5 साल और 11 महीने तक बचे हैं उन्हें 13 लाख रूपए, जिस भी कर्मचारी की नौकरी अभी 6 से 10 साल तक बाकी है, उसे साढ़े 18 लाख रूपए और 10 साल से ज्यादा बाकी कार्यकाल वाले कर्मचारी को करीब 22 लाख रुपए से कुछ ज्यादा का ऑफर किया गया है।
ब्रिटानिया इंडस्ट्री के तारातला फैक्ट्री बंद करने से सियासी पारा अलग गर्म हो गया है।
BJP ने फैक्ट्री बंद होने का कारण इंडिया अलाएंस और TMC पर फोड़ा है। जबकि TMC ने इसे कंपनी का आंतरिक मामला बताया है।
बीजेपी आईटी सेल के चीफ अमित मालवीय ने एक्स पर लिखी अपनी पोस्ट में कहा कि तारातला फैक्ट्री बंद होने के लिए सी पी आई एम की यूनियनबाजी और टीएमसी की तूलाबाजी को जिम्मेदार ठहराया जाए।
उन्होंने लिखा ब्रिटानिया फैक्ट्री जो कभी बंगाल में उद्योग जगत की अगुवा हुआ करती थी, उसे लेफ्ट कार्यकाल के दौरान सी पी आई एम की यूनियन बाजी की वजह से काफी नुकसान झेलना पड़ा है टीएमसी की तोला बाजी ताबूत में आखिरी कील साबित हुई, जिसके चलते आखिरकार फैक्ट्री बंद हो गई।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, त्रणमूल कांग्रेस के नेता कुणाल घोष ने बीजेपी की ओर से लगाए गए आरोपों को सिरे से खारिज किया है।
TMC नेता का कहना है की फैक्ट्री बंद होने की वजह ब्रिटानिया मैनेजमेंट के अंदरूनी मसले हैं और जो लोग इसे राज्य की औद्योगिक स्थिति के साथ मिला रहे हैं वो गलत कर रहे हैं|
बैरहाल ये है की ब्रिटानिया की कोलकाता स्थित तारातला फैक्ट्री बंद होती है तो सैकड़ों स्थायी और स्थायी कर्मचारी बेरोजगार हो जायेंगे। उनके सामने तो रोजी रोटी का संकट खड़ा हो ही गया है।
लेकिन दूसरी और हम देख रहे हैं कि राजनीतिक दल एक- दुसरे पर आरोप प्रतिआरोप लगा रहे है।
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