दिवाली आने वाली है। हर बड़ी ई कॉमर्स अपने बड़े बड़े ऑफर लेकर आ गई। बोलती हैं लो भाई ग्रेट इंडियन फेस्टिवल,स्नैपडील दे रही है तूफानी सेल, फ्लिपकार्ट दे रहा है भैया बिग बिलियन डे आखिर चक्कर क्या है भैया? ये कंपनियां तो खुद ही आते टाइम लॉस में रहती है तो फिर आपको इतना बड़ा डिस्काउंट आखिर दे कैसे रही है क्योंकि बिज़नेस में भैया बिना फायदे के कोई कुछ करता ही नहीं है। तो अगर आपको दिवाली के मौके पे जो की कमाने के दिन है उस समय ये इतना बड़ा डिस्काउंट दे कैसे रही है तो आज मैं आपको ये ई कॉमर्स कंपनियों की ऐसी ट्रिक बताऊँगा जिसके माध्यम से आपको लगता है कि डिस्काउंट मिल गया। लेकिन वास्तव में यह होता नहीं है सामान्य? एक छोटा व्यापारी या छोटा रिटेलर दिवाली के सपने सजाता रहता है की कुछ कमाई होगी पर होता कुछ नहीं है। ये सारा माल ई कॉमर्स वाले लूट के ले जाते हैं। बिचारा छोटा रिटेलर ऐसे ही रह जाता है, तो आज ई कॉमर्स की पूरी ट्रिक समझते हैं और इस छोटे व्यापारी के लिए हम क्या कर सकते हैं?
आप को ही है की दिवाली आ रही है तो ऑफर भी आएंगे। पर ये सारी कंपनियां डिस्काउंट देती कैसे है क्युकी ये तो खुद लॉस में चल रही होती है और दिवाली तो इनके लिए कमाई का मौसम है, तो डिस्काउंट दे कैसे रही है तो एक बात आप दिमाग लगाके सोचो की ये कंपनी हर बार डिस्काउंट देती है, हर बार हमारी हेल्प कर रही है तो ये लॉस को रिकवर कैसे करती है इनकी लॉस रिकवर करने की ट्रिक होती है जिसमें आपको को लगता कि डिस्काउंट मिला पर देते नहीं है। चलिए बताते है इनकी ट्रिक के बारे में, पहली ट्रिक है आर्टिफिशियली इंफ्लेटेड प्राइस मतलब कोई प्रॉडक्ट है, वो ₹100 का है, उस समय ₹100 का ही चल रहा है। छह महीने बाद दिवाली आई उसका प्राइस 200 का कर दो और फिर बोलो 45% की महाबचत अरे भइया 45% काटके अब 110 में दे रहे हो 100 की चीज़ 110 रूपए में दे रहे होते है|
दूसरी ट्रिक यह होती है की मनो Iphone 13 मोबाइल वो फ़ोन आ रहा है नॉर्मल ₹70,000rs का ये ई-कॉमर्स वाले बोलते है मैं दूंगा तुम्हें ₹49999 में लोग तैयार बैठे की iphone लेंगे अब जब वो सेल शुरू होती है तो शुरू होने के 3-4 सेकेंड के अंदर Out of stock हो जाता है वही 15-20 मिनट बाद जो फ़ोन 50 हजार का था वो अब 60 हजार का बिक रहा होता है कभी कभी ऑर्डर लेने के बाद भी कैंसल कर देते है इसका लॉजिक क्या होता है? की कंपनी ने सोचा कि एक काम करते हैं 60 हजार की चीज़ 55 हजार में देते हैं 1 लाख पीस बिक जाएंगे। तो अपना सब कुछ रिकवर हो जायेगा। वो पता चला, पीस बिके 8000 तो उनको लगा है की भइया नुकसान हो गया प्रॉफिट भी नहीं आया तो उन 8 हजार में से 800 होगा। डेलिवर और बाकी कैंसल कर देते है कभी कभी तो ऑर्डर प्लेस होने बाद कन्फर्म भी हो गया वहाँ से निकल भी गया,रास्ते में आते आते एकदम लास्ट में कैंसिल कर हो जाता है ई कॉमर्स कंपनियां कितना गलत कर रही है। देखो ये कैसा धोखा देती है। देखो दोस्तों इसमें सिर्फ ईकॉमर्स की ही गलती नहीं इसमें हम सब की गलती है हम यही चीज़ आप अपने रिटेलर से भी तो लेके आ सकते है। कम से कम वहाँ एक बंदा है,क्या दिवाली मनाने का उनका हक नहीं है देखो इन कम्पनियो की सिंपल सी ट्रिके है की भइया 2 साल, 5 साल, 10 साल, डिस्काउंट दो और देते -देते जब रिटेलर्स की दुकानें बंद होने लग जाएगी तो सारे लोग ऑनलाइन ही तो लेंगे।धीरे धीरे छोटे दुकानदर लोग मार्केट से निकलने लगेंगे जिससे कॉम्पिटिशन बंद हो जाएगा। जब आप दुकान में ढूंढने जाओगे और मोबाइल की दुकान ही नहीं मिलेगी तब ये अपना असली खेल खेलेंगे और तब आपको इनकी याद आएगी की रिटेलर्स के साथ आपने क्या किया? अभी कुछ थोड़े से पैसे की प्रॉफिट के लिए आप इनके जाल में फंस रहे हो और वो रीटेलर जिसने आज तक आपको सर्व किया उससे आप दूरी बना रहे हो तो देखो मेरा निवेदन है की जो चीज आपके पास रिटेलर या छोटे दुकानदार से मिल सकती है तो वह चीज उनसे ही ख़रीदे अगर जो चीज आस पास नहीं मिल पा रही है तब आप ऑनलाइन मंगाइये
देखो कभी कभी ऑनलाइन सामान मांगने के बाद सीधे सीधे फ्रॉड कर देते हैं। आपने मंगाया होगा आईफोन आपको दे दी साबुन की बट्टी , फिर आप बोलोगे भईया, मैं इसको रिफंड करा दूंगा। देखो कई केस में रिफंड हो जाता है पर कई केस में हूँ भी नहीं पता और इसमें ई कॉमर्स कंपनियां कोई दायित्व नहीं जल्दी नहीं लेती ,कहती है की हम तो मार्केट प्लेस है हम तो सेलर और कस्टमर दोनों को मिला रहे हैं। देखो ये जीतनी भी ई-कॉमर्स कंपनिया है इनको अपनी सर्विस और सुधारनी चाहिए और ये लोगो के साथ जो फ्रॉड हो जाते है इन पर विशेष रूप से ध्यान देना चाहिए लोग इन पर भरोसा करके सामान मंगाते है पर उनके साथ फ्राड हो जाता है